‘दक्ष ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम में हो सकती है मददगार’

नई दिल्ली।  पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि दक्ष ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी से भारत के नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम की चुनौतियों से पार पाने में मदद मिल सकती है।

भारत ने 2022 तक 1,75,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है। इसमें 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा और 60,000 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता शामिल हैं।

प्रभु ने डिजिटल तरीके से आयोजित ‘इंडिया एनर्जी स्टोरेज वीक’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के क्षेत्र में महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है। हालांकि इसको लेकर चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से दक्ष ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी के जरिये पार पाया जा सकता है।’’

उन्होंने दो नवंबर को आयोजित सम्मेलन पूर्व कार्यशाला में यह बात कही। ‘इंडिया एनर्जी स्टोरेज वीक’ (आईईएसडब्ल्यू) का आयोजन इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस कर रहा है। इसका आयोजन दो नवंबर से छह नवंबर को हो रहा है।

प्रभु ने कहा, ‘‘भंडारण प्रमुख क्षेत्र होने जा रहा है। मुझे खुशी है कि हम आईईएसडब्ल्यू में उद्योग जगत, शोध संस्थानों और नीति निर्माताओं के साथ ऊर्जा भंडारण क्षेत्र पर गहराई से चर्चा कर रहे हैं।’’

नवीकरणीय ऊर्जा सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कई क्षेत्र जुड़े हुए हैं। हम ऊर्जा क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की बड़ी हिस्सेदारी की ओर बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिये ऊर्जा भंडारण महत्वपूर्ण है।

First Published on: November 4, 2020 4:58 PM
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