नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के चलते आर्थिक तंगी बढ़ती जा रही है। इसी बीच मोटर साइकिल, स्कूटर और मोपेड जैसे दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो लगातार बढ़ती ही जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच कुल 10.12 मिलियन यूनिट दोपहिया वाहन बेचे गए। वहीं मिंट की रिपोर्ट की मानें तो अप्रैल से दिसंबर के बीच दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। जो कि दोपहिया विक्रेताओं के लिए भारी नुकसान है।
मिले डेटा के अनुसार 2020 के मुकाबले 2021 में अप्रैल-दिसंबर के बीच कम वाहन बेचे गए। जबकि 2020 में समान अवधि में 10.77 मिलियन यूनिट दो पहिया वाहन बेचे गए थे। 2011 से 2021 तक अप्रैल-दिसंबर के बीच दोपहिया वाहनों की बिक्री पर नजर डाली जाए तो :-
2021 में 10.12 मिलियन यूनिट
2020 में 10.77 मिलियन यूनिट
2019 में 13.91 मिलियन यूनिट
2018 में 16.53 मिलियन यूनिट
2017 में 15.09 मिलियन यूनिट
2016 में 13.49 मिलियन यूनिट
2015 में 12.26 मिलियन यूनिट
2014 में 12.12 मिलियन यूनिट
2013 में 10.94 मिलियन यूनिट,
2012 में 10.38 मिलियन यूनिट
2011 मे 9.97 मिलियन यूनिट
इस हिसाब से बिक्री में 2011 के बाद 2021 में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जिसके चलते इसकी बिक्री में एक दशक में सबसे ज्यादा कमी आई है
देखा जाए तो इस दौरान जब लोन काफी सस्ता है और आसानी से दोपहिया वाहनों को खरीदा जा सकता है। इसके बावजूद भी लोग दोपहिया वाहनों को खरीदने से कतरा रहे हैं। जहां लोन सस्ता होने के बाद EMI भी कम बनती है, ऐसे में इसे खरीदना आसान हो जाता है। इसके बावजूद बिक्री में गिरावट यह दर्शाता है कि लोगों को अपनी भविष्य की कमाई पर भरोसा नहीं है। कोरोना ने लोगों को अपने भविष्य को लेकर बहुत असहज कर दिया है।