‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए उद्योग मंथन


उद्योग मंथन के तहत, हम भारतीय उद्योग के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता के मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। हमने पहले ही आधा रास्ता तय कर लिया है और इसके अंत तक हमारे पास भारतीय उद्योग में उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए सुझावों का एक अच्छा आधार होगा।



नई दिल्ली। “उद्योगमंथन”, अपनी तरह के पहले औद्योगिक मंथन अभ्यास के लिए, 45 क्षेत्रों को कवर करने वाले वेबिनार की एक मैराथन का आयोजन 4 जनवरी, 2021 से 2 मार्च, 21 मार्च तक किया जा रहा है। ये वेबिनार विनिर्माण और सेवाओं के सभी प्रमुख क्षेत्रों में गुणवत्ता और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

8 सप्ताह लंबा ‘उद्योगमंथन’ अपनी तरह का पहला औद्योगिक मंथन अभ्यास है और यह भारतीय उद्योग के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर रहा है। ये वेबिनार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘वोकल फॉर लोकल’ के अंतर्गत किए जा रहे हैं।

उद्योग मंथन 4 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ और इसका समापन 2 मार्च, 2021 को होगा। इसका उद्घाटन 6 जनवरी, 2021 को पीयूष गोयल ने किया। उन्होंने कहा कि “उद्योग मंथन हमारे काम करने के तरीके में बदलाव का अग्रदूत होगा, और भारत के लिए एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप मे उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा”।

औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के जॉइंट सेक्रेटरी वंदना कुमार ने कहा, “उद्योगमंथन के तहत, हम भारतीय उद्योग के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता के मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। हमने पहले ही आधा रास्ता तय कर लिया है और इसके अंत तक हमारे पास भारतीय उद्योग में उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए सुझावों का एक अच्छा आधार होगा। इन वेबिनारों में उद्योग जगत के विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत बनने के लिए, हमें अपने भारतीय उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ानी होगी, साथ-साथ हमें उत्पादकता और गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा”।

भारतीय गुणवत्ता परिषद के सेक्रेटरी जनरल, डॉ रवि प्रकाश सिंह ने कहा, “वेबिनार श्रृंखला के दौरान हम उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रहे हैं कि कैसे भारतीय उद्योग के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया जाए। हम अलग-अलग तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे स्थानीय और आत्मनिर्भर भारत के लिए मुखरता को बढ़ावा दिया जा सकता है”।

पिछले छह हफ्तों के दौरान खिलौने, चमड़ा, फर्नीचर, रसायन, पर्यटन, ड्रोन, वित्तीय सेवाओं सहित विभिन्न विनिर्माण और सेवा जैसे क्षेत्रों पर 30 से अधिक वेबिनार आयोजित किए जा चुके हैं, जहां विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर 275 से अधिक वक्ताओं ने तथा 15000 से अधिक दर्शकों ने भाग लिया हैं।

अगले कुछ हफ्तों के दौरान, उद्योगमंथन में विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जिसमें नई और नवीकरणीय ऊर्जा, रोबोटिक्स, एयरोस्पेस और रक्षा, सरकारी प्रक्रियाओं में गुणवत्ता शामिल है जो कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक मार्गदर्शक के रूप मे काम करेंगे।