सिंगापुर में नौकरी गंवा कर स्वदेश वापसी की तैयारी में भारतीय: उच्चायुक्त

रोजाना औसतन 100 भारतीय नागरिक वापस भारत जाने के लिये हवाई यात्रा के वास्ते उच्चायुक्त के पास पंजीकरण करा रहे हैं। अब तक कुल मिलाकर 11,000 भारतीयों ने पंजीकरण करा लिया है।

सिंगापुर। सिंगापुर से अब ज्यादा से ज्यादा भारतीय कामगार स्वदेश वापसी की तैयारी में हैं। कोरोना वायरस महामारी का कारोबार पर गंभीर प्रभाव पड़ने के बाद सिंगापुर के उद्यमियों ने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है, इससे कई भारतीयों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा है। एक अधिकारी ने यह कहा है।

भारतीय उच्चायुक्त पी कुमारन ने बुधवार को कहा, ‘‘रोजाना औसतन 100 भारतीय नागरिक वापस भारत जाने के लिये हवाई यात्रा के वास्ते उच्चायुक्त के पास पंजीकरण करा रहे हैं। अब तक कुल मिलाकर 11,000 भारतीयों ने पंजीकरण करा लिया है।’’

भारत सरकार के वंदे भारत मिशन के तहत विशेष उड़ानों की व्यवस्था की जा रही है। विदेशों में रह रहे कई भारतीय अपनी नौकरी खो बैठे हैं, बीमारी का इलाज कराने अथवा परिवार में परेशानी के चलते कई स्वदेश लौटना चाहते हैं, उनकी मदद के लिये सरकार ने वंदे भारत मिशन के तहत विशेष उड़ानें शुरू की हैं।

कुमारन ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच अभी तक औपचारिक रूप से उड़ानों की शुरुआत नहीं हुई है। फिर भी मई के बाद से अब तक उच्चायोग ने 120 उड़ानों की व्यवस्था कर 17,000 से अधिक भारतीयों को भारत भेजने की व्यवस्था की है।

उच्चायक्त ने पीटीआई- भाषा के साथ बातचीत में भारत- सिंगापुर के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने के संबेध में अपनी प्राथमिकताओं को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह बढ़ाने, फिनटेक, अंतरिक्ष और स्टार्टअप क्षेत्र में प्रौद्योगिकी गठबंधन के लिये राजनीतिक स्तर पर मेल जोल बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं। सिंगापुर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिहाज से भारत के लिये लंबे समय से बड़ा स्रोत रहा है।

कुमारन ने कहा कि निवेशक भारत को एक बढ़ती घरेलू मांग के साथ दीर्घकालिक बाजार के तौर पर देखते हैं। भारत में जारी आर्थिक सुधारों से कारोबारी माहौल में भी सुधार हुआ है। इसके साथ ही निर्यातोन्मुखी उद्योगों को सरकार की ओर से समर्थन भी दिया जा रहा है।

कुमारन ने यह भी बताया कि भारत के नये उच्चायुक्त भवन पर जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है। यह फ्रीहोल्ड भूमि पर एक बहुमंजिला इमारत होगी। भारत सरकार के पास इसका मालिकाना हक होगा। इसमें मौजूदा कार्यालय के साथ ही उच्चायुक्त का निवास भी होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय उच्चायोग के नये भवन परिसर को तीन साल में पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।’’

 

 

 

First Published on: September 9, 2020 4:51 PM
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