महंगाई पर काबू करने के लिए मोदी सरकार का कदम, आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर लगा प्रतिबंध


जारी आदेश में कहा गया है कि फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2015-20 के ट्रांजिशनल अरेजमेंट्स संबंधी प्रावधान इस नोटिफिकेशन के तहत लागू नहीं होंगे।



नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आटा, साबुत आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा इन उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए किया गया है। सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, गेहूं या मेसलिन का आटा, मैदा, साबुत आटा और सूजी के निर्यात को मुक्त से प्रतिबंधित किया जाता है। सूजी में रवा और सिरगी भी शामिल हैं। सरकार की ओर से यह आदेश डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने जारी किया है। हालांकि, सरकार की अनुमति के साथ अब कुछ मामलों में निर्यात किया जा सकेगा।

जारी आदेश में कहा गया है कि फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2015-20 के ट्रांजिशनल अरेजमेंट्स संबंधी प्रावधान इस नोटिफिकेशन के तहत लागू नहीं होंगे। आपको बता दें कि इससे पहले 25 अगस्त को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। यह फैसला आर्थिक मामलों की कैबिनटे कमिटी (सीसीईए) ने किया था।

क्यों रोकना पड़ा था गेहूं का निर्यात
दरअसल, रूस और यूक्रेन युद्ध ही इसका कारण बने। दोनों की देश गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक हैं और इनके बीच युद्ध से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई बाधित हो गई। इसलिए भारत से गेहूं निर्यात की मांग बढ़ गई। निर्यात बढ़ने के कारण भारत में गेहूं की कीमत ऊपर जाने लगी और इस पर लगाम लगाने के लिए निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया। हालांकि, इससे विदेशों में आटे की मांग में तेजी आ गई। इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान आटे की मांग में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 200 फीसदी अधिका का उछाल देखा गया। भारत ने 2021-22 में 24।6 करोड़ डॉलर का आटा निर्यात किया था। जबकि इस वित्त वर्ष केवल अप्रैल-जुलाई में ही 12।8 करोड़ डॉलर का आटा निर्यात कर दिया।

कीमतों में 22 फीसदी तक की तेजी
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं की आपूर्ति घटने और मांग बढ़ने के कारण देश समें 22 अगस्त 2022 को इसकी खुदरा कीमत में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22 फीसदी का उछाल देखने को मिला। 22 अगस्त को गेहूं खुदरा बाजार में 31।04 रुपये प्रति किलो बिक रहा था जबकि पिछले अगस्त में इसकी कीमत 25।41 रुपये थी। वहीं, आटे की कीमत में इस दौरान 17 फीसदी की तेजी देखने को मिली।