सेबी के आदेश के खिलाफ अपील करेगा NDTV

सेबी का कहना है कि कुछ रिण समझौतों में ऐसे प्रावधान हैं जिनका एनडीटीवी शेयरधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

नई दिल्ली। एनडीटीवी के प्रवर्तक प्रणय और राधिका रॉय और प्रवर्तक समूह कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्रा. लि. पूंजी बाजार नियामक सेबी के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे। सेबी ने उन पर कुछ कर्ज समझौतों के बारे में कथित तौर पर खुलासा नहीं किये जाने के कारण 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

सेबी ने कंपनी पर सूचीबद्धता और प्रतिभूतियों से जुड़े विभिन्न नियमों के उल्लंघन को लेकर यह जुर्माना लगाया है। इसमें कुछ कर्ज समझौतों के बारे में शेयरधारकों से जानकारी को छुपाने का भी आरोप है।

सेबी का कहना है कि कुछ रिण समझौतों में ऐसे प्रावधान हैं जिनका एनडीटीवी शेयरधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

एनडीटीवी ने बृहस्पतिवार शाम को शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना में कहा है कि एनडीटीवी के संस्थापक और प्रवर्तक प्रणय रॉय और राधिका रॉय तथा कंपनी की प्रवर्तक कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्रा. लि. ने बार बार यह कहा है कि उन्होंने किसी भी लेनदेन अथवा समझौते के जरिये प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से एनडीटीवी का नियंत्रण हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं दी है।

दी गई सूचना में कहा गया है कि वह एनडीटीवी की चुकता शेयर पूंजी में अब भी 61.45 प्रतिशत हिस्सेदारी के धारक हैं। सेबी के बृहस्पतिवार को पारित आदेश के बारे में इसमें कहा गया है कि कंपनी के प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह कंपनी आदेश के खिलाफ ‘‘तुरंत अपील’’ करेगी।

सेबी का आदेश कंपनी के संस्थापकों और प्रवर्तक कंपनी समूह द्वारा 2008- 2010 के दौरान विश्वप्रधान कमर्शियल प्रा. लि. और आईसीआईसीआई बैंक के साथ किये गये कर्ज समझौतों के बारे में कथित तौर पर खुलासा नहीं किये जाने पर आधारित है।

एनडीटीवी द्वारा शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह भी कहा गया है कि कंपनी का नियंत्रण कथित तौर पर छोड़ दिये जाने का मामला अभी प्रतिभूति अपीलीय न्यायाध्याधिकरण में लंबित है। इस मामले में न्यायाध्याधिकरण ने 2019 में एनडीटीवी संस्थापकों के पक्ष में स्थगन दिया हुआ है। यह स्थगन अभी भी लागू है।

 

First Published on: December 25, 2020 2:35 PM
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