डिजिटलीकरण अभियान के बाद लगभग 80 प्रतिशत अर्थव्यवस्था अब संगठित: एसबीआई रिपोर्ट

मुंबई। एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के चलते डिजिटलीकरण अभियान में जोरदार तेजी और गिग कारोबार के बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तेजी से संगठित रूप मिला है, और 2021 में असंगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी घटकर महज 15-20 प्रतिशत रह गई, जो 2018 में 52.4 प्रतिशत थी।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मुख्य अर्थशास्त्री सौम्या घोष ने कहा कि 2020-21 में अनौपचारिक या असंगठित अर्थव्यवस्था का हिस्सा सकल मूल्यवर्धित (जीवीए) या औपचारिक जीडीपी के 15-20 प्रतिशत तक गिर गया है, जो 2017-18 में 52.4 प्रतिशत तक था।

उन्होंने कहा कि तेजी से डिजिटलीकरण और गिग अर्थव्यवस्था के उभरने से ऐसा हुआ है। अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र का हिस्सा 2011-12 में 53.9 प्रतिशत था।

घोष के अनुसार, नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद कई उपायों से अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण में तेजी लाई है, और महामारी के चलते गिग कारोबार के बढ़ने से अर्थव्यवस्था को तेजी से औपचारिक रूप मिला। बदलाव की यह रफ्तार दूसरे देशों की तुलना में काफी अधिक थी।

नोटबंदी ने असंगठित क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित किया, जो तब कार्यबल का 93 प्रतिशत था। अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के लिए दूसरा झटका जीएसटी था और अंतिम तथा सबसे कठिन संकट महामारी के चलते आया।

रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न चैनलों के माध्यम से औपचारिक अर्थव्यवस्था में कम से कम 13 लाख करोड़ रुपये आए हैं, जिसमें हाल में शुरू हुई ई-श्रम योजना भी शामिल है।

First Published on: November 1, 2021 10:55 PM
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