नई दिल्ली। आरबीआई ने निर्देशित किया है ऋण स्थगन (कर्ज चुकाने से कुछ समय की मुक्ति) का स्वचालित (ऑटोमैटिक) रूप से उपलब्ध होना है। बैंक को कोई ईएमआई नहीं चुकानी पर लिए गए कर्ज पर कोई ब्याज नहीं काटा जाएगा।
बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले ईएमआई अनिवार्य बाउंस चार्जेस बजाज फाइनेंस लिमिटेड में जमा किये जाएंगे। ईएमआई आदेश सभी कस्टमर्स के लिए प्रस्तुत होंगे। सभी एनबीएफसी को इजाजत जरूर दी है, लेकिन सभी ग्राहकों के स्वचालित ऋण स्थगन को अनिवार्य नहीं बनाया है।
आरबीआई ने कहा कि जिन ग्राहकों ने ऋण स्थगन के विकल्प को नहीं अपनाया है उनके लिए बैंक को ईएमआई चुकाने को लेकर कोई प्रतिबन्ध नहीं है, यानी वे ईएमआई पूर्व की तरह ही चुका सकते हैं। सावधि ऋण (टर्म लोन) या सक्रीय पूँजी (वर्किंग कैपिटल) के मामलों में संविदात्मक ब्याज दर लागू रहेगी।
टर्म लोन के मामले में कर्ज की बकाया राशि ब्याज देय होगी, जबकि वर्किंग कैपिटल के मामले में इकट्ठा ब्याज ऋण स्थगन की अवधि के तुंरत बाद वसूल किया जाएगा। ईएमआई अनिवार्य बाउंस चार्जेस बैंक द्वारा ही इकट्ठे किए जाएंगे और बजाज फाइनेंस लिमिटेड में यह जमा नहीं होंगे।
यदि ग्राहक ऋण स्थगन का विकल्प नहीं चुनता या किसी कारणवश उसका ऋण स्थगन का निवेदन अस्वीकृत होता है, तो उस सूरत में ईएमआई अधिदेश प्रस्तुत किये जा सकेंगे। बजाज फाइनेंस लिमिटेड अपने योग्य ग्राहकों को कुछ मापदंडों के आधार पर मार्च 31, 2020 पर देय ईएमआई (जो कि मार्च 1 से 31 अगस्त की अवधि के बीच चुकाई जानी है) के लिए एक से छह ईएमआई के तौर पर चुकाने की सुविधा दे सकता है।