भारत छोड़कर नहीं जा रहे, ब्रांड मजबूत करेंगे : फ्रैंकलिन टेंपलटन

बाजार नियामक सेबी ने कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। कंपनी ने अप्रैल, 2020 में अपनी छह योजनाओं को बंद कर दिया था। इन योजनाओं में तीन लाख निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये जमा थे। इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण (सैट) में अपील की हुई है।

मुंबई। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी फ्रैंकलिन टेंपलटन ने भारत छोड़ने की खबरों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि वह मुश्किलों से घिरे अपने ब्रांड को नए सिरे से खड़ा करेगी। कंपनी की भारतीय इकाई के अध्यक्ष अविनाश सतवालेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यह साफतौर पर कह सकता हूं कि हम भारत छोड़कर नहीं जा रहे हैं। भारत से जाना मूर्खतापूर्ण कदम होगा।’’

हालांकि, सतवालेकर ने यह स्वीकार किया कि कई दूसरी विदेशी कंपनियों के भारतीय बाजार से निकलने के बाद फ्रैंकलिन टेंपलटन के भी भारत से निकलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन उन्होंने यह साफ किया कि कंपनी की ऐसी कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत में 26 साल से मौजूद कंपनी के पास 20 लाख निवेशकों की 56,000 करोड़ रुपये की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां हैं और इसका परिचालन बेहद मुनाफे में चल रहा है।

बाजार नियामक सेबी ने कंपनी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। कंपनी ने अप्रैल, 2020 में अपनी छह योजनाओं को बंद कर दिया था। इन योजनाओं में तीन लाख निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये जमा थे। इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने प्रतिभूति अपीलीय अधिकरण (सैट) में अपील की हुई है।

सतवालेकर ने कहा कि वह कंपनी के ब्रांड को नए सिरे से खड़ा करेंगे। इसके लिए सभी संबद्ध पक्षों से संपर्क साधा जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी अगले छह-12 महीनों में नियमित रूप से उत्पाद पेश करेगी।

First Published on: July 26, 2022 5:52 PM
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