PLI SCHEME उद्योगों के प्रति रवैये में ‘नाटकीय बदलाव’: आनंद महिंद्रा


मुझे इस पहल के तौर-तरीकों को समझने में कुछ समय लगा। मैं पासा पलटने जैसी बातों का अधिक इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन इस मामले में यह सही है। मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्योग के प्रति रुख में नाटकीय बदलाव आया है।


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मुंबई। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा है कि सरकार की वाहन सहित 10 और क्षेत्रों के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा उद्योग के प्रति रवैये में ‘नाटकीय बदलाव’ है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 नवंबर को वाहन और वाहन कलपुर्जा, फार्मास्युटिकल्स, कपड़ा तथा खाद्य उत्पाद सहित 10 और क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत पांच साल में 1,45,980 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक अन्य पीएलआई योजना के तहत पहले ही 51,311 करोड़ रुपये के व्यय की मंजूरी दी जा चुकी है।

महिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे इस पहल के तौर-तरीकों को समझने में कुछ समय लगा। मैं पासा पलटने जैसी बातों का अधिक इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन इस मामले में यह सही है। मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्योग के प्रति रुख में नाटकीय बदलाव आया है।’’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने करियर की शुरुआत ‘लाइसेंस राज’ में की थी। उस समय कारोबार का आकार बढाने या वृद्धि की बात पर त्योरियां चढ़ जाती थीं।’’

उन्होंने कहा कि अंतत यह नीतिगत संकेत इस बात को मान्यता देता है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कारोबार के लिए स्तर या पैमाना जरूरी है। साथ ही बड़े उपक्रमों द्वारा लघु-मझोले उपक्रमों के लिए पारिस्थतिकी तंत्र को बढ़ाया जाता है।

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम तथा वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) पहले ही कह चुके हैं कि इस पहल से उद्योग को न केवल वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे वह आत्मनिर्भर भी हो सकेगा।

सियाम ने कहा है कि इस योजना से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और क्षेत्र की वृद्धि अगले स्तर पर पहुंचेगी। वहीं एक्मा ने कहा कि पीएलआई योजना से उद्योग को शुद्ध निर्यातक बनने में मदद मिलेगी और आयात पर निर्भरता कम हो सकेगी।