एक मासिक सर्वेक्षण में गुरुवार को यह बात कही गई। मौसमी रूप से समायोजित भारत सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक मई में गिरकर 46.4 पर आ गया, जो अप्रैल में 54 पर था।
पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) की भाषा में 50 से ऊपर के अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पोलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘कोविड-19 संकट की तीव्रता और इसके चलते लागू प्रतिबंधों ने भारतीय सेवा क्षेत्र के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग को कम कर दिया। कुल बिक्री आठ महीनों में पहली बार घटी, जबकि बाहरी ऑर्डर में गिरावट पिछले साल नवंबर के बाद सबसे अधिक थी।’’
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मांग भी सुस्त रही और नए निर्यात कारोबार में छह महीने में सबसे तेज दर से गिरावट हुई।
लीमा ने कहा कि इसका असर सेवा क्षेत्र में रोजगार की स्थिति पर भी पड़ा और बिक्री में कमी के चलते सेवा कंपनियों को मई के दौरान फिर से कार्यबल संख्या में कटौती के लिए मजबूर होना पड़ा।
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते एक बार फिर लॉकडाउन और प्रतिबंध लागू करने के चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियां आठ महीनों में पहली बार संकुचित हुई।