नई दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को आश्वस्त किया कि इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है। ग्राहकों की चिंताओं को दूर करते हुए आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ताओं को इस समय अटकलों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
केंद्रीय बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को निर्देश दिया कि वह अनुमानित 2,100 करोड़ रुपये की लेखा विसंगति से संबंधित सुधारात्मक कार्रवाई इसी महीने पूरी कर ले। इंडसइंड बैंक ने इसी सप्ताह ऑडिटिंग में गड़बड़ी का खुलासा किया था। इसका बैंक के नेटवर्थ पर 2।35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। खुलासे के तुरंत बाद, बैंक के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखी गई। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खुलासों के आधार पर बैंक ने पहले ही अपने मौजूदा तंत्र की व्यापक समीक्षा करने और वास्तविक प्रभाव का आकलन करने और उसका हिसाब लगाने के लिए एक बाहरी लेखा परीक्षा टीम को नियुक्त कर लिया है।
केंद्रीय बैंक ने कहा, “बोर्ड और प्रबंधन को रिजर्व बैंक द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के बाद, जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पूरी तरह से सुधारात्मक कार्रवाई पूरी कर लें।” ग्राहकों की चिंताओं को दूर करते हुए आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ताओं को इस समय अटकलों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आरबीआई ने कहा कि इंडसइंड बैंक लिमिटेड से संबंधित कुछ अटकलें लगाई गई हैं, जो शायद बैंक से संबंधित हाल की घटनाओं से उत्पन्न हुई हैं। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों और निवेशकों को आश्वासन दिया कि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और वह इस पर बारीकी से नजर रख रहा है।
इंडसइंड बैंक ने बताया कि पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के आसपास अकाउंटिंग में चूक की बात सामने आई थी और बैंक ने पिछले हफ़्ते आरबीआई को इस बारे में प्रारंभिक जानकारी दी थी। बैंक के अनुसार, अंतिम संख्या तब पता चलेगी जब बैंक द्वारा नियुक्त बाहरी एजेंसी अप्रैल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगी।
बैंक के वित्तीय मापदंडों को साझा करते हुए आरबीआई ने कहा कि बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत है और वित्तीय स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दिसंबर, 2024 तिमाही के लिए बैंक के लेखा परीक्षक द्वारा समीक्षा किए गए वित्तीय परिणामों के अनुसार, बैंक ने 16.46 प्रतिशत का आरामदायक पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) और 70.20 प्रतिशत का प्रावधान कवरेज अनुपात बनाए रखा है।
नौ मार्च, 2025 तक बैंक का तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) 113 प्रतिशत था, जबकि नियामक आवश्यकता 100 प्रतिशत है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की शीर्ष संस्था ICAI लेखांकन में 2,100 करोड़ रुपये की विसंगतियों से जूझ रहे इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर सकता है।