CBDC सीमापार लेनदेन के समय, लागत में होगी कमी : आरबीआई डिप्टी गवर्नर

केंद्रीय बैंक ने सीबीडीसी को इस साल पायलट आधार पर पेश करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी।

नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) से सीमा पार लेनदेन के लिए समय और लागत में कमी आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने बुधवार को यह बात कही। सीबीडीसी को इस साल पेश किया जाना है।

केंद्रीय बैंक ने सीबीडीसी को इस साल पायलट आधार पर पेश करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने 2022-23 के आम बजट में कहा था कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में रुपये के समान एक डिजिटल लाएगा।

उन्होंने ‘इंडिया आइडियाज समिट’ में कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि सीबीडीसी का अंतरराष्ट्रीयकरण भुगतान के मसले के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका समाधान इस समय जी-20 और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) जैसे निकाय तलाश रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत में एक उत्कृष्ट, सस्ती और तेज घरेलू भुगतान प्रणाली है, लेकिन इसके बावजूद सीमापार भुगतान की लागत अब भी अधिक है। उन्होंने कहा कि लागत और गति दोनों में सुधार की काफी गुंजाइश है।

शंकर ने कहा कि सीबीडीसी शायद इसका सबसे कुशल रास्ता है। उदाहरण के लिए, अगर भारत सीबीडीसी और अमेरिकी सीबीडीसी प्रणाली एक-दूसरे से जुड़ सकें, तो हमें लेनदेन का निपटान करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सीमापार लेनदेन में निपटान जोखिम को बड़े पैमाने पर दूर करता है। इससे समय कम लगेगा और लागत भी कम होगी। इसलिए, सीबीडीसी का अंतरराष्ट्रीयकरण भविष्य में होने की उम्मीद है।’’

धोखाधड़ी प्रबंधन के बारे उन्होंने कहा कि प्रणाली की अखंडता को बनाए रखते हुए डिजिटल भुगतान को बढ़ाने की जरूरत है।

First Published on: September 7, 2022 6:01 PM
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