नई दिल्ली। खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान कॉपर लि. में सरकार की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने पर विचार कर रही है। वेदांता ग्रुप के संस्थापक अनिल अग्रवाल ने यह बात कही।
अरबपति उद्योगपति अग्रवाल ने कहा कि सरकार जब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का निजीकरण करेगी उस समय हम इसमें हिस्सेदारी के अधिग्रहण पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इस अधिग्रहण के लिए अभी जांच-परख कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमारी हिंदुस्तान कॉपर पर नजर है। अभी हम इसकी जांच-परख कर रहे हैं। अभी इसकी तिथि की घोषणा नहीं हुई है।’’ उनसे पूछा गया था कि क्या वह सरकार के विनिवेश कार्यक्रम में भागीदारी करेंगे।
जांबिया की कोंकोला तांबा खान में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा कि इस अफ्रीकी देश की सरकार कंपनी के साथ इस मामले में काम करने की प्रक्रिया में है।
अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कुछ साल पहले जांबिया की पिछली सरकार ने हमारी संपत्तियों को ले लिया था। अब उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे हमारे साथ काम करने की प्रक्रिया में हैं, क्योंकि वे भारत सरकार के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि थोड़े समय में हमें यह संपत्ति वापस मिल जाएगी। हम इसके आधुनिकीकरण के लिए काफी निवेश करेंगे और साथ ही वहां रोजगार का सृजन करेंगे।’’
न्यूयॉक स्टॉक एक्सचेंज से अमेरिकन डिपॉजिटरी शेयर (एडीआर) हटाने के बारे में अग्रवाल ने कहा कि हमने इसके लिए पहले ही आवेदन कर दिया है। ‘‘हम पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि अब एडीआर में कोई उतार-चढ़ाव नहीं है। सूचीबद्धता की वजह से काफी खर्च करना पड़ता है। हमें हर साल काफी दस्तावेज जमा कराने होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में एडीआर को जारी रखने का कोई लाभ नहीं है।
अग्रवाल ने कहा कि वहीं दूसरी ओ भारतीय शेयर बाजार काफी मजबूत है। ऐसे में इस अनावश्यक खर्च को बचाने के लिए हमने एडीआर को हटाने का फैसला किया है।