नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का मानना है कि उसने स्पेक्ट्रम की हालिया नीलामी में कुछ सर्किलों की खाइयों को पाटने के लिये खरीद की है। कंपनी का कहना है कि इससे वह अब बेहतर सेवा तथा ग्राहकों को आकर्षक प्रस्ताव देने के साथ प्रतिस्पर्धी बनने के लिये मजबूत स्थिति में है।
कंपनी के मुख्य नियामकीय एवं कॉरपोरेट अफेयर्स अधिकारी पी बालाजी ने इस प्रचलित बात को खारिज करने का प्रयास किया कि वित्तीय दिक्कतों के चलते वोडाफोन आइडिया बड़ी मात्रा में स्पेक्ट्रम नहीं खरीद पायी है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी ने उतने ही स्पेक्ट्रम की खरीद की है, जितने की उसे सेवा व कवरेज में सुधार के लिये आवश्यकता थी। कंपनी के पास ग्राहकों की आवश्यकता को पूरा करने और बाजार में प्रतिस्पर्धी होने के लिये पर्याप्त स्पेक्ट्रम हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो चुना उसे खरीदने के लिये चुना, क्योंकि हमारे पास सभी निजी ऑपरेटरों के बीच सबसे बड़ा स्पेक्ट्रम पूल था … अब भी, नीलामी के बाद, हम निजी ऑपरेटरों के बीच स्पेक्ट्रम होल्डिंग के मामले में सबसे कम नहीं हैं।’’ नीलामी के बाद वोडाफोन आइडिया के पास 1,768.60 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हैं।
बालाजी ने कहा कि कंपनी एकीकरण प्रक्रिया (वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का विलय) के समय से अपनी व्यावसायिक रणनीति के लिये ईमानदार रही है और सेवा की गुणवत्ता पर केंद्रित रह है, जिसकी पुष्टि तीसरे पक्ष के सत्यापन व बेंचमार्क से भी होती है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने ग्राहकों को मूल्य प्रदान करने वाली साझेदारी की।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह क्षमता, साझेदारी, कवरेज, ग्राहक अनुभव, सेवा की गुणवत्ता या किसी अन्य बात हो…ये सभी तत्व ठीक हैं। हमारे पास ग्राहकों के लिये एक आकर्षक प्रस्ताव है और हमारे पास बाजार का उचित हिस्सा होगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी के पास हालिया नीलामी में खरीदे गये स्पेक्ट्रम पर अग्रिम भुगतान करने के लिये पर्याप्त धन है, बालाजी ने कहा, ‘‘हां, हम दूरसंचार विभाग के द्वारा अपेक्षित अग्रिम भुगतान करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘11.8 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है।’’