नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की मैराथन बैठक हुई और असम तथा पश्चिम बंगाल के उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर मंथन हुआ।
असम और पश्चिम बंगाल में पहले दो चरणों में जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होने हैं, उन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर इस बैठक में चर्चा की गई। हालांकि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक पार्टी शुक्रवार को दोनों राज्यों में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।
बैठक के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया कि आज की बैठक में पहले दो चरणों में जिन सीटों पर मतदान होने हैं, उन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि नामों को अंतिम रूप देकर जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी को उतारे जाने को लेकर बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका लेकिन सूत्रों की मानें तो पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ वहां से मैदान में उतार सकती है। सूत्रों का कहना है कि खुद अधिकारी ने वहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
इस बारे में जब भाजपा नेता मुकुल राय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता चाहते हैं कि अधिकारी नंदीग्राम से चुनाव लड़ें लेकिन पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। ज्ञात हो कि कभी ममता बनर्जी के करीबी रहे अधिकारी कुछ महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं।
पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 सालों से सत्ता में है। इस बार भाजपा और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है।
असम में भाजपा और उसके सहयोगी दलों असम गण परिषद (अगप) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के बीच 86 सीटों पर तालमेल हो गया। इन सीटों में से अधिकांश पर पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भाजपा ने 86 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की।
असम में विधानसभा की कुल 126 सीटें हैं। राज्य में तीन चरणों में मतदान होने हैं।
असम प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रंजीत दास ने अगप और यूपीपीएल के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई एक बैठक के बाद कहा, ‘‘भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे दिया है। कौन सा दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, मैं इसका खुलासा नहीं कर रहा हूं क्योंकि हमारे सहयोगियों को अपने कुछ आंतरिक मामलों को सुलझाना है। ’’
दास ने कहा कि भाजपा जल्द ही पहले दो चरणों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करेगी। उन्होंने हालांकि कहा कि पार्टी ने अभी 12 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय नहीं किया है और उन्हें फिलहाल लंबित रखा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सर्वानंद सोनोवाल ही भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी जहां सत्ता में होती है वहां अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं करती।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां हम सत्ता में नहीं होते हैं वहां पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करती है।’’
उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए आज भाजपा मुख्यालय में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सीटों के तालमेल के मुताबिक भाजपा 92 सीटों पर, अगप 26 जबकि यूपीपीएल आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 सीटों पर जीत मिली थी जबकि अगप को 14 सीटों पर जीत मिली थी। यूपीपीएल भाजपा के साथ गठबंधन का हाल ही में हिस्सा बनी है। फिलहाल विधानसभा में उसका एक भी सदस्य नहीं है।
पिछले चुनाव में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने भाजपा और अगप के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और उसने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार चुनाव में बीपीएफ ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है।
असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा। पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल और तीसरे व अंतिम चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा। नामांकन की आखिरी तारीख नौ मार्च है।
पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना हैं उनमें माजुली और बोकाखाट विधानसभा सीटें प्रमुख हैं। सोनोवाल माजुली से जबकि अगप के बोरा बोकाखाट से विधायक हैं।
इस बार असम में भाजपा को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है। वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी।