कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आईएसएफ ने सीट बंटवारे के मामले पर मंगलवार को आपसी विवाद दूर करने की कोशिश की, लेकिन कुछ विधानसभा सीटों के लिए बातचीत अब भी जारी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
हाल में बनी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) पार्टी ने शुरू में कांग्रेस से 15 सीटों की मांग की थी, लेकिन पार्टी उसे सिर्फ पांच सीटें देने पर सहमत थी। उन्होंने बताया कि ताजा बातचीत में कांग्रेस, आईएसएफ को आठ सीटें देने पर राजी हो गई, लेकिन अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाली पार्टी दो-तीन और विधानसभा सीट चाहती है।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई और हम भाजपा एवं अलोकतांत्रिक तृणमूल कांग्रेस की हार सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हैं। दोनों पक्ष मत बंटने से बचने के लिए बातचीत को जरूरी समझते हैं।’’
पार्टी के एक नेता ने कहा कि अंतिम सूची को सात और आठ मार्च को घोषित किए जाने की संभावना है और इसमें बड़ी संख्या में युवा माकपा नेताओं को जगह मिलेगी।
आईएसएफ के अध्यक्ष नौशाद सिद्दीकी ने इससे पहले कहा था कि पार्टी इस बात को लेकर सकारात्मक है कि अनसुलझे मामलों को जल्द से जल्द सुलझा लिया जायेगा।
वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने इससे पहले अब्बास सिद्दीकी को कांग्रेस के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर नहीं बोलने की हिदायत दी थी क्योंकि वे गठबंधन में हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने इससे पूर्व कहा था कि गठबंधन में आईएसएफ के शामिल होने के बाद सीट बंटवारा समीकरण बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में गठबंधन में सिर्फ वाम मोर्चा और कांग्रेस थे और सीट बंटवारा भी उसी के अनुरूप किया गया था। पहले हमने 130 सीटें मांगी थीं लेकिन अब हमारे संयुक्त मोर्चा में एक और पार्टी है। हमें 92 सीटें मिली हैं और कुछ को लेकर चर्चा चल रही है।’’