स्वर कोकिला लता मंगेशकर: ईश्वर करे इस कोहिनूर की चमक और खनक हमेशा बरकरार रहे !

नई दिल्ली। संगीत की दुनिया में अपने स्वर से सबको मोहित करने वाली स्वरकोकिला के नाम से प्रसिद्ध लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। अपनी आवाज से सभी के कानों में मिठास भरने वाली लता मंगेशकर आज अपनी 91वीं वर्षगाँठ मना रहीं हैं। लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर 28 सितंबर 1929 को हुआ था। लता मंगेशकर ने अपनी सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल की और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए। उनकी मधुर आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में हैं। आठ दशक से भी अधिक समय से हिन्दुस्तान की आवाज बनीं लता दीदी ने 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों फिल्मी और गैर-फिल्मी गानों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा। लता दीदी ही एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत हैं,जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते हैं।

लता का पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था। उनके पिता रंगमंच कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना। हालाँकि लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र मे हुई। वर्ष 1942 ई में लताजी के पिताजी का देहांत हो गया इस समय इनकी आयु मात्र तेरह वर्ष की थी। भाई -बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी का बोझ भी उनके कंधों पर आया गया था।

लता जी की सुरीली आवाज की पूरी दुनिया कायल है, जिनकी सुर और ताल में सजी आवाज दशकों से सभी का का मन मोह रखी है। लता जी जब भी गाती हैं तो लगता है मानो जैसे प्रकृति का हर रूप उनके गीतों पर झूम रहा हो। लता जी ने अपने गायिकी के इस पूरे सफर में हिन्दी सिनेमा के साथ पूरे फ़िल्मी जगत को ऐसे कई गीत दिए है जिसे लोगों ने अपने दिलों में आज भी संजो कर रखा है। ये नगमें आज भी संगीत की दुनिया के लिए अनमोल धरोहर के रूप में सुने जाते हैं। ये उनकी आवाज की कशिश ही थी या यूं कहें की उनकी आवाज में जो जादू थी उसी का करिश्मा था जब उन्होंने 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई के बाद एक कार्यक्रम के दौरान “ऐ मेरे वतन के लोगों” गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की आंखों से भी आंसू छलक पड़े ।

लता जी के गायकी सफर की बात करे तो 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया। इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गानों “अंग्रेजी छोरा चला गया” और “दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने” जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की। हालाँकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म “महल” के “आयेगा आनेवाला” गीत से मिला। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

आज लता जी के जन्मदिन के अवसर पर पीएम मोदी के साथ-साथ सिनेमा जगत के कई कलाकारों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मै बहुत सौभाग्यसाली हूं कि मुझे हमेशा लता जी का स्नेह और आशीर्वाद मिलता है। पीएम मोदी ने लता जी को देश की पहचान बताया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी प्रत्येक वर्ष लता मंगेशकर के जन्मदिन पर बधाई देते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लता दीदी को बधाई देते हुए लिखा, ‘स्वर, संस्कार और सादगी की अद्भुत संगम आदरणीय लता ​​​मंगेशकर दीदी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ। आपने संगीत की उच्चतम परंपराओं एवं मूल्यों को स्थापित कर अपनी मधुर वाणी से दुनिया भर में मिठास भरी है। आप स्वस्थ रहें और दीर्घायु हो ऐसी ईश्वर से कामना करता हूं।’

लता मंगेशकर को अपने सिने करियर में अनेकों अवार्ड मिले चुके है। वे फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं,जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ। वो पहली गायिक है,जिन्होंने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। लता जी को जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाएं, ईश्वर से यही कामना है ये यूं ही चमके और इनकी ये चमक हमेशा बरकरार रहे।

 

First Published on: September 28, 2020 4:10 PM
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