नई दिल्ली। भारतीय फिल्मकार चैतन्य तम्हाणे की फिल्म ‘द डिसाइपल’ ने 2020 वेनिस फिल्मोत्सव में प्रतिष्ठित एफआईपीआरईएससीआई पुरस्कार अपने नाम किया। फिल्म का पिछले सप्ताह ‘बिएनाले’ में प्रीमियर हुआ था और समीक्षकों ने फिल्म को काफी सराहा था।
‘द इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स’ (एफआईपीआरईएससीआई) द्वारा दिए जाने वाले इस पुरस्कार का मकसद फिल्म संस्कृति को प्रोत्साहित एवं विकसित करने के साथ ही पेशेवर हितों की रक्षा करना है। पेशेवर फिल्म समीक्षक और दुनिया भर के फिल्म पत्रकार बेल्जियम के ब्रसेल्स में 1930 में गठित इस संगठन के सदस्य हैं। तम्हाणे ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे काम को लगातार सराहने के लिए मैं एफआईपीआरईएससीआई और निर्णय लेने वाले मंडल (जूरी) का तहे-दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। इस पुरस्कार का चयन करने वालों में फिल्म समीक्षक एवं दुनियाभर के पत्रकार शामिल हैं, ऐसे में यह पुरस्कार बहुत विशेष सम्मान है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘द डिसाइपल’ की यात्रा की इस शानदार शुरुआत से काफी उत्साहित एवं रोमांचित हैं।’’ इससे पहले 1990 में इस वार्षिक फिल्मोत्सव में भारतीय फिल्म ‘माथीलुकल’ ने एफआईपीआरईएससीआई पुरस्कार जीता था। इसका निर्देशन अडूर गोपालकृष्णन ने किया था। फिल्म निर्माता विवेक गोम्बर ने कहा, ‘‘वेनिस में 30 साल में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म बनना सम्मान की बात है। हमारे काम पर एफआईपीआरईएससीआई का भरोसा हमें कई वर्षों तक प्रोत्साहित करने का बड़ा कारण होगा।’’
मराठी भाषा की यह फिल्म 20 साल में पहली ऐसी भारतीय फिल्म है, जिसे किसी यूरोपीय फिल्मोत्सव (कान, वेनिस, बर्लिन) में मुख्य प्रतियोगिता के लिए चुना गया है। इससे पले 2001 में मीरा नायर की ‘मानसून वेडिंग’ को चुना गया था। शास्त्रीय संगीत की विषयवस्तु पर बनी ‘द डिसाइपल’ में आदित्य मोदक ने मुख्य किरदार निभाया है और चार बार ऑस्कर पुरस्कार जीत चुके अल्फांसो कुओरोन इसके कार्यकारी निर्माता हैं।