क्या रणबीर कपूर (Ranveer Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) स्टारर फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ (Brahmastra) फ्लॉप हो गई है। ऐसे कई सवाल अब उठ रहे हैं। सच कहा जाए तो ‘ब्रह्मास्त्र’ की कमाई के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह इसी तरफ इशारा करते हैं। आज यानि शुक्रवार को सामने आए आंकड़ों की मानें तो इस फिल्म ने पूरी दुनिया में 300 करोड़ की (ग्रॉस कमाई) कमाई कर ली है। ये कमाई अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
पहले हफ्ते में इतनी कमाई किसी भारतीय फिल्म ने दुनिया में अब तक नहीं की है। वहीं पहले दिन इस फिल्म ने भारत में 35 करोड़ से ज्यादा कमाकर पहले ही काफी हंगामा मचा दिया है। लेकिन अगर ये सारे आंकड़े सुनकर आप भी ये तय कर चुके हैं कि निर्देशक अयान मुखर्जी की ‘ब्रह्मास्त्र’ एक ब्लॉबस्टर फिल्म है, तो जरा ठहरिए। हम आपको बताते हैं कि ढेर सारे नंबरों की जुगाली के बाद भी ये फिल्म अभी तक ‘हिट’ नहीं कही जा सकती।
निर्देशक अयान मुखर्जी ने अपने कई इंटरव्यूज में ये बात कही थी कि उन्हें इस फिल्म को बनाने में पूरे 9 साल लगे हैं। जबकि इस फिल्म की शूटिंग 5 साल में पूरी हुई है। 2 साल की शूटिंग के बाद कोरोनो की वजह से भी इस फिल्म को काफी टाला गया। इतना ही नहीं, फिल्म के कई सीन री-शूट भी हुए हैं। इस मेगा बजट फिल्म की असली लागत 410 करोड़ रुपए है। लेकिन ये सिर्फ फिल्म की शूटिंग में लगा बजट है।
इस फिल्म के प्रमोशन बजट को भी जोड़ें तो इसकी कुल लागत 600 करोड़ के आसपास बताई जा रही है। ऐसे में अपने पहले हफ्ते में 300 करोड़ की ग्रॉस कमाई कर के भी ये फिल्म अभी तक अपनी लागत भी वापस नहीं निकाल पाई है। यानी ये आंकड़े भले ही आपको काफी बड़े लग रहे हों, लेकिन असली बात ये है कि प्रोड्यूसर करण जौहर की जेब में अभी तक कमाई भी तो छोड़िए, फिल्म में लगाया पैसा भी वापस नहीं आया है।
इस फिल्म के ज्यादातर कलेक्शन के आंकड़े ग्रॉस में बताए जा रहे हैं। जबकि बॉलीवुड फिल्मों के कलेक्शन हमेशा नेट इनकम बताए जाते हैं। इसे ऐसे समझें, ग्रॉस कलेक्शन बॉक्स ऑफिस पर किसी फिल्म की पूरी कमाई को दर्शता है। ये वो कमाई है, जो किसी फिल्म की टिकट बेचने से कुल कमाई जाती है। वहीं दूसरी तरफ नेट कलेक्शन का मतलब होता है वह कमाई जो पूरी कमाई से टैक्स हटाने के बाद यानी मनोरंजन टैक्स, सर्विस टैक्स आदि हटाने के बाद आंकी जाती है। नेट कमाई, ग्रॉस से हमेशा कम होती है।
इसमें पेच ये है कि अलग-अलग राज्य में फिल्म के रिलीज होने पर टैक्स की दर अलग-अलग होने की वजह से उनकी नेट कमाई में अंतर होता है। नेट और ग्रॉस कलेक्शन के अलावा, बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आंकड़ों में एक और चीज होती है और वह है ‘डिस्ट्रीब्यूटर्स शेयर।’ यानी डिस्ट्रीब्यूटरों का हिस्सा। ये सिनेमाघरों के रेंटल चार्ज नेट कलेक्शन से हटाने के बाद तय होता है।
बॉलीवुड में फिल्मों का अक्सर ‘नेट कलेक्शन’ ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के तौर पर दिखाया जाता है। जबकि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ग्रॉस कलेक्शन दिखाया जाता है।