
सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था और उन्होंने हिंदी फिल्मो में तभी काम करना शुरू कर दिया था जब उनकी उम्र महज तीन साल थी। शुरुआत उन्होंने एक बैक-अप डांसर के बतौर की थी। नूतन के ऊपर फिल्माए गए गाना निगाहें मिलाने को जी चाहता है में सरोज खान को एक्स्ट्रास के साथ डांस करते देखा जा सकता है।
सरोज खान को लोग प्यार से बॉलीवुड में मास्टरजी भी कह कर बुलाते थे और उन्होनो ने अपने पुरे फ़िल्मी करियर में लगभग 2000 से ऊपर गानो को कोरियोग्राफ किया था।
सरोज खान ने शोहरत तब हासिल की जब उन्होंने माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी की फिल्मो में उनके गानो की कोरियोग्राफी शुरू की। नगीना, कर्मा, मिस्टर इंडिया, तेज़ाब इन सभी हिट फिल्मो के गांनो को उन्होंने ही कोरियोग्राफ किया था।
सन 1974 में फिल्म गीता मेरा नाम से सरोज खान ने अपने करियर की शुरुआत की थी और अपने फ़िल्मी करियर में इनको तीन बार नेशनल अवार्ड से नवाजा गया था। आखिरी बार उनको नेशनल अवार्ड फिल्म देवदास के गाने डोला रे डोला के लिए दिया गया था जिसका फिल्मांकन माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय बच्चन के ऊपर किया गया था।
अपने आखिरी दिनों में सरोज खान फिल्मो को लेकर बहुत सेलेक्टिव हो गयी थी। कंगना की फिल्म मणिकर्णिका और माधुरी दीक्षित की फिल्म कलंक में उन्होंने अपने हुनर की छंटा बिखेरी थी।
सरोज खान एक लम्बे अरसे से डायबिटीज की मरीज थी और पिछले महीने उनको मुंबई के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनके बेटे राजु खान भी फिल्मों मे कोरियोग्राफी करते है।