राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का निधन, 75 साल में दिल का दौरा पड़ने से निधन


तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और ‘तमस’,से लेकर ‘मम्मो’, ‘बधाई हो’ एवं लोकप्रिय टीवी धारावाहिक ‘बालिका वधू’ समेत सुनहरे परदे पर पिछले करीब पांच दशक से सक्रिय रहीं वरिष्ठ अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 75 साल की थीं।



मुंबई। तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और ‘तमस’,से लेकर ‘मम्मो’, ‘बधाई हो’ एवं लोकप्रिय टीवी धारावाहिक ‘बालिका वधू’ समेत सुनहरे परदे पर पिछले करीब पांच दशक से सक्रिय रहीं वरिष्ठ अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 75 साल की थीं।

मीडिया में साझा किए गए बयान में अभिनेत्री के एजेंट विवेक सिधवानी ने कहा कि दूसरी बार मस्तिष्काघात आने के कारण अभिनेत्री कई जटिलताओं से जूझ रही थीं। सिधवानी ने कहा, ‘‘तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का निधन आज सुबह हृदय गति रुकने से हो गया। वह 75 साल की थीं। दूसरे मस्तिष्काघात के बाद से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी बहुत परेशानियां हो रही थीं। आखिरी समय में उनका परिवार और उनकी देखभाल करने वाले उनके पास थे। परिवार इस समय निजता की मांग करता है। ओम साईं राम।’’

सीकरी को पिछले साल सितम्बर में मस्तिष्काघात हुआ था और वह कुछ दिन तक अस्पताल में भर्ती रही थीं।

सीकरी ने थिएटर, फिल्म से लेकर टेलीविजन तक सभी मंचों पर अपने शानदार अभिनय की छाप छोड़ी। उन्होंने ‘तमस’, ‘मम्मो’, ‘सलीम लंगड़े पे मत रो’, ‘जुबैदा’, ‘बधाई हो’ जैसी फिल्में कीं और धारावाहिक ‘बालिका वधू’ में भी नजर आईं। सीकरी आखिरी बार 2020 में ‘नेटफ्लिक्स’ की फिल्म ‘घोस्ट स्टोरीज’ में नजर आई थीं।

दिल्ली में जन्मी अदाकारा ने अपना बचपन उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की पहाड़ियों में गुजारा। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से अपनी स्नातक की पढ़ाई की और फिर 1968 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में दाखिला लिया। 1971 में एनएसडी से पढ़ाई पूरी करने के बाद, सीकरी ने थिएटर में काम करना जारी रखा और एक दशक से अधिक समय तक ‘एनएसडी रिपर्टरी कम्पनी’ से जुड़ी रहीं। वहां, उन्होंने ‘संध्या छाया’, ‘तुगलक’ और ‘आधे अधूरे’ जैसे कई मशहूर नाटक किए। इसके बाद सीकरी ने मुंबई को रुख किया और 1978 में ‘किस्सा कुर्सी का’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। 1986 में आई फिल्म ‘तमस’ में उनकी अदाकारी के लिए उन्हें अपने करियर का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। 1989 में उन्हें ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया। इसके बाद 1994 में आई फिल्म ‘मम्मो’ के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।

अदाकारा ने टेलीविजन पर भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया। उन्होंने ‘सांझा चूल्हा’, ‘कभी कभी’, ‘जस्ट मोहब्बत’, ‘सीआईडी’, ‘बनेगी अपनी बात’ जैसे कई धारावाहिक किए, लेकिन ‘बालिका वधू’ में निभाए उनके ‘दादी सा’ के किरदार को काफी लोकप्रियता मिली। इसके साथ-साथ वह लगातार फिल्में भी करती रहीं और 2018 में आई फिल्म ‘बधाई हो’ के लिए उन्हें तीसरी बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सीकरी ने हेमंत रेगे से शादी की थी। उनके परिवार में अब उनका बेटा राहुल सीकरी है।

जाने माने फिल्मकार श्याम बेनेगल, नीना गुप्ता और मनोज वाजपेयी समेत कई अन्य हस्तियों ने सुरेखा सीकरी को शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी और उन्हें मनोरंजन उद्योग के ‘‘बेहतरीन प्रतिभावान’’ लोगों में से एक बताया।

बेनेगल सीकरी के साथ ‘मम्मो’, ‘सरदारी बेगम’ और ‘जुबैदा’ में काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सीकरी को अभिनय करते देख खुशी मिलती थी। उन्होंने कहा, ‘‘उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। वह थिएटर में भी बेहद सफल अभिनेत्री थीं। मैंने उन्हें दिल्ली में नाटकों में अभिनय करते देखा है और यही वजह थी कि मैंने उनके साथ काम करना शुरू किया। मेरी तीनों फिल्मों में उन्होंने उम्दा अभिनय किया है।’’

बेनेगल ने कहा, ‘‘वह इतनी शानदार अभिनेत्री थीं कि उन्हें जो भी किरदार दिया जाता वह उसे अपना बना लेती थीं। उन्होंने सहानुभूतिपूर्ण और गैर सहानुभूति वाली दोनों तरह की भूमिकाओं को उतनी ही शिद्दत से निभाया। वह सही मायने में आला दर्जे की अभिनेत्री थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘थिएटर कलाकारों के साथ एक खूबी यह होती है कि वे बेहद अनुशासित होते हैं और सीकरी भी बेहद अनुशासित थीं। वह पूरी तैयारी के साथ सेट पर आती थीं। वह कभी अपना समय जाया नहीं करतीं। वह निर्देशक की अभिनेत्री थीं। वह किसी भी फिल्म के लिए बड़ा खजाना थीं।’’ बेनेगल ने कहा कि कैमरे से हटकर वह ‘‘बेहद शांत’’ व्यक्ति थीं।

नीना गुप्ता ने 2018 की फिल्म ‘बधाई हो’ में सीकरी के किरदार की बहू की भूमिका निभायी थी। उन्होंने कहा कि अभिनेत्री के निधन की खबर सुनकर उन्हें बहुत दुख हुआ। गुप्ता ने इंस्टाग्राम पर वीडियो संदेश पोस्ट कर कहा, ‘‘आज सुबह यह दुखद समचार मिला कि सुरेखा सीकरी नहीं रहीं। मैं आप सभी से अपना दुख साझा करना चाहती हूं। उनके निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हो रहा है।’’

 

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गुप्ता (62) ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के दिनों के दौरान सीकरी के अभिनय को देखकर मंत्रमुग्ध होने की बात याद की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है जब मैं एनएसडी की छात्र थी तो कैसे हमलोग छुपकर उन्हें अभिनय करते देखा करते थे। मैं सोचती थी कि मैं उनकी जैसी अभिनेत्री बनूंगी। यह कई साल पहले की बात है।’’ ‘बधाई हो’ से पहले सीकरी और गुप्ता टीवी कार्यक्रम ‘सात फेरे -सलोनी का सफर’ में काम कर चुकी हैं।

‘बधाई हो’ में आयुष्मान खुराना, गजराज राव और सान्या मल्होत्रा भी थीं जिसके लिए सीकरी को तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।

‘जुबैदा’ में अभिनेत्री के साथ काम कर चुके अभिनेता मनोज वाजपेयी ने कहा, ‘‘बहुत दुखद खबर। सबसे प्रतिभावान कलाकारों में से एक सुरेखा सीकरी जी का निधन थिएटर और सिनेमा जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उन्हें मंच पर देखना मंत्रमुग्ध करता था। थिएटर में उनके अभिनय की कुछ यादें नहीं भूल सकता। महान कलाकार और एक शानदार व्यक्ति। आरआईपी।’’

फिल्मकार जोया अख्तर, जान्हवी कपूर और विजय वर्मा, ने इंस्टाग्राम पर अभिनेत्री को श्रद्धांजलि दी। वर्मा सीकरी के साथ उनकी आखिरी सीरीज ‘घोस्ट स्टोरीज’ में साथ काम कर चुके हैं।



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