बॉलीवुड के इन सफल गानों के पीछे गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर का हाथ है

159 साल पहले आज ही के दिन गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म हुआ था। जब भी बात कला की होती है तब इस बात का अंदाज़ा लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है की गुरुदेव की परछाई कहा तक फैली है। सत्यजीत रे ने अगर उनकी तीन कहानियों को फिल्म का रूप दिया तो वही दूसरी तरफ पंजाब में जन्मे गुलज़ार उनसे इतने प्रभावित थे की महज उनकी लिखी हुई चीज़ों को पढ़ने के लिए उन्होंने खासतौर पर बांगला भाषा सीखी। आगे चल कर गुलजार ने अपनी सुपरहिट फिल्म लेकिन का आधार उन्ही की एक कहानी के ऊपर बनाया।

गुरुदेव की छाप वैसे तो कई चीज़ों पर थी मसलन चित्रकारिता, दर्शनशास्त्र, लेखन, फिल्में इत्यादि लेकिन उनकी जिस कला के दीवाने सबसे ज्यादा मिले तो वो निश्चित रूप से रबीन्द्र संगीत कहा जायेगा। बांगला और हिंदी फिल्म के संगीतकारों ने उनके रबीन्द्र संगीत को बेस बना कर कई सुपरहिट गाने दिए है। आइये नज़र डालते है उन चार्टबस्टर गानों पर जो गुरुदेव के रबीन्द्र संगीत में ओत प्रोत है।

1 – ज़िन्दगी के सफर में गुज़र जाते है (आप की कसम, 1974)

राजेश खन्ना के ऊपर फिल्माए इस गाने की धुन बनाई थी आर डी बर्मन ने और ये पूरी तरह से गुरुदेव के जागोरोने जय बिभाबोरी से प्रेरित था।

2 – छू कर मेरे मन को (याराना, 1981)

याराना के सभी गाने सुपरहिट थे लेकिन इसके बावजूद ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पायी थी। ऋतिक रोशन के चाचा राजेश रोशन ने फिल्म का संगीत तैयार किया था और फिल्म का सबसे सुपरहिट गाना छू कर मेरे मन को गुरुदेव के तोमार होलो शुरू,अमार होलो सारा से प्रेरित था।

3 – तेरे मेरे मिलन की ये रैना (अभिमान, 1973)

इस फिल्म के बारे में ऐसा कहा जाता है की भले ही क्रेडिट में एस डी बर्मन का नाम इसके संगीतकार के रूप में गया था लेकिन उनके बेटे आर डी बर्मन ने इस फिल्म के संगीत में अपना काफी योगदान दिया था। अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के ऊपर फिल्माए इस गाने की रूप रेखा जोदी तारे नाई चीनी गो शेकी रबिन्द्र संगीत पर बनी थी।

4 – पीयू बोले पिया बोले (परिणीता, 2007)

संगीतकार शांतनु मोइत्रा ने फिल्म के गानों को अपने संगीत से पिरोया था। इस फिल्म का सबसे सफल गाना पीहू बोले पिया बोले गुरुदेव के रबिन्द्र संगीत फूले फूले ढोले ढोले के ऊपर आधारित था।

5 – जब भी कोई कंगना बोले (शौक़ीन, 1982)

बासु चटर्जी की फिल्म शौक़ीन में वैसे तो काफी कम गाने थे लेकिन जो गाना लोगों के सर चढ़ कर बोला वो था अशोक कुमार, ए के हंगल और उत्पल दत्त के ऊपर फिल्माया गया वो गाना जिसमे किशोर कुमार की आवाज बैकग्राउंड से आती है। इस गाने के लिए आर डी बर्मन को टैगोर की ग्राम चारा ओई रंगा मतिर पथ की शरण में जाना पड़ा था। 

First Published on: May 7, 2020 6:30 AM
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