क़र्ज़ की गिनती कल्ट फिल्मों में की जाती है। भले ही क़र्ज़ अपने रिलीज़ के दौरान दर्शको पर वो छाप ना छोड़ पाई हो जिसकी उम्मीद इस फिल्म से थी लेकिन रिलीज़ के 40 सालों के बाद इसने अपना एक मुकाम खड़ा कर लिया है। ऋषि कपूर की फिल्मोग्राफी क़र्ज़ के बिना अधूरी कही जाएगी। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है की 1980 में जब क़र्ज़ रिलीज़ हुई थी और बॅाक्स ऑफिस पर नहीं चली थी तो उसका बहुत बुरा असर ऋषि कपूर के ऊपर पड़ा था। इस फिल्म की असफलता की वजह से ऋषि कपूर डिप्रेशन का शिकार हो गए थे।
क़र्ज़ की रिलीज़ के अगले हफ्ते फिरोज खान की क़ुरबानी ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी और अपने फिल्म मेकिंग के नए अंदाज़ की वजह से दर्शको के दिलो पर पूरी तरह से छ गयी थी। अगर क़ुरबानी के पास ‘आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आये’ जैसा सुपर हिट गाने का साथ था तो क़र्ज़ के गाने ‘ओम शांति ओम’ ने उसको शानदार तरीके से टक्कर दी। लेकिन जब बात स्टारकास्ट की आयी तब फिल्म वहा पर मात खा गयी। क़र्ज़ की टीम के पास तुरुप का सिर्फ एक इक्का था – ऋषि कपूर जबकि क़ुरबानी में फिरोज खान, विनोद खन्ना और सेक्स सिंबल ज़ीनत अमान के नाम पर तीन इक्के थे। लंदन में इस फिल्म की शूटिंग, शूटिंग का स्टाइलिश तरीका और सेक्स की चासनी – ये सभी दर्शको के लिए एक नया अनुभव था जिसे उन्होनें हाथो हाथ ले लिया। कम शब्दों में कहे तो क़ुरबानी की सुनामी ने क़र्ज़ को बॉक्स ऑफिस पर पूरी तरह से डुबो दिया।
जब तक फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ दर्शको तक पहुंचता तब तक बहुत देरी हो चुकी थी। फिल्म की शुरुआती असफलता ने ऋषि को डिप्रेशन में डाल दिया और हालात इतने बुरे हो गए की ऋषि कैमरा के सामने आने में झिझकने लगे। आने वाले दिनों मे वो लोगो से कन्नी काटने लगे और सेट पर अक्सर उनको कम्पन महसूस होने लगी थी। हालात इतने बिगड़ गए की ऋषि कपूर अपनी इस हालत के लिए अपनी शादी पर मत्था फोड़ने लगे। ऋषि को लगा था की क़र्ज़ एक सुपरहिट फिल्म साबित होगी अपने गाने और कहानी की वजह से उनके करियर को एक नया दिशा देगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ और ऋषि सच्चाई को कबूल नहीं कर पाए।
ये वही दौर था जब ऋषि अपनी चार फिल्मो की शूटिंग में व्यस्त थे – प्रेम रोग, नसीब, दीदार-ए-यार और ज़माने को दिखाना है। ऋषि के डिप्रेशन की वजह से इन चारों फिल्मों के यूनिट के लोग स्टैंड बाई पर रहने लगे थे ये सोच कर की ऋषि जब कभी भी सेट पर आएंगे वो शूटिंग तुरंत शुरू कर देंगे। मनमोहन देसाई की फिल्म नसीब की शूटिंग का सिर्फ एक दिन बचा था और उस दिन की शूट में सभी कास्ट (अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, अमरीश पुरी, कादर खान, रीना राय, हेमा मालिनी) शामिल थे लेकिन ऋषि उस एक दिन भी शूटिंग करने का साहस नहीं जुटा पाए। काफी कोशिश के बावजूद एक दिन ऋषि प्रेम रोग की शूटिंग पर पहुंच गए थे लेकिन कैमरा फेस करने का साहस नहीं जुटा पाए।
अपने बेटे को इस हाल में देख कर राज कपूर उनको पुणे के पास लोनी में अपने फार्म हाउस पर ये सोच कर ले गए की नई हवा और जगह की वजह से उनको कुछ फायदा मिलेगा। नासिर हुसैन को लगा की ऋषि को पैसे की जरुरत है लिहाजा उन्होंने बिना किसी देरी के एक लाख रुपये तुरंत ऋषि के पास भिजवा दिये। शाम को जब शराब का सहारा मिलता था तब ऋषि के अंदर का खोया हुआ कॉन्फिडेंस लौट आता था लेकिन सुबह होते-होते फिर से वही परेशानियां उनको सालने लगती थी।
आगे चल कर इस परेशानी को ऋषि ने आड़े हाथों लिया और वापस उठने की प्रक्रिया में अमिताभ बच्चन ने उनका साथ दिया जब उन्होंने उनको ये बताया की वो भी इस अवस्था से दो-चार हो चुके है। राज कपूर ने उनको दिलीप कुमार के डिप्रेशन के बारे में बताया जब चिढ़ कर उन्होंने अपने कपड़े फिल्म दिल दिया दर्द लिया की शूटिंग के दौरान फाड़ डाले थे।