रुपहले पर्दे पर हिटलर


हिंदी फिल्म जगत में हिटलर को पर्दे पर कम ही लाने की कोशिश की गई है। सौ सालों से ऊपर के इतिहास में सिर्फ एक बार हिटलर हिंदी फिल्मों के पर्दे पर आया है। रघुवीर यादव फिल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में नाजी डिक्टेटर की भूमिका निभाई थी। गौरतलब है कि ये रोल पहले अनुपम खेर करने वाले थे लेकिन विरोध की वजह से अनुपम खेर को को वो रोल छोड़ना पड़ा था।



20 अप्रैल 1889 को जन्मे एडोल्फ हिटलर की शख्सियत विश्व पटल पर भले ही एक क्रूर खलनायक के रुप मे क्यों ना रही हो, रुपहले पर्दे से जुड़े लोगों का जुड़ाव हमेशा से हिटलर की ओर रहा है। चार्ली चैपलिन से लेकर रघुवीर यादव-सभी ने पर्दे पर हिटलर की काली करतूतों को अपने अभिनय के जरिये करने की कोशिश की है। आइये एक नजर डालते हैं हिटलर के वो रंग जिन्हे पर्दे पर शानदार तरीके से अभिनेताओं ने जीने की कोशिश की। 

गांधी टू हिटलर (रघुवीर यादव)

हिंदी फिल्म जगत में हिटलर को पर्दे पर कम ही लाने की कोशिश की गई है। सौ सालों से ऊपर के इतिहास में सिर्फ एक बार हिटलर हिंदी फिल्मों के पर्दे पर आया है। रघुवीर यादव फिल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में नाजी डिक्टेटर की भूमिका निभाई थी। गौरतलब है कि ये रोल पहले अनुपम खेर करने वाले थे लेकिन विरोध की वजह से अनुपम खेर को को वो रोल छोड़ना पड़ा था। 

द ग्रेट डिक्टेटर (चार्ली चैपलिन)

सन् 1940 में बनी फिल्म द ग्रेट डिक्टेटर में चार्ली चैपलिन हिटलर की भूमिका में दिखे थे। वैसे ये कहना गलत होगा कि चार्ली हिटलर के रोल में थे। लेकिन हिटलर की कारस्तनियों को दुनिया के सामने परोसने की प्रवृति उनके अंदर इतनी ज्यादा थी की फिल्म कही सेंसर में ना उलझ जाये, इसके लिये उन्होंने फिल्म में अपने किरदार का नाम बदल कर “हाइनकल” कर दिया था जिसे एक काल्पनिक देश टोमानिया का डिक्टेटर दिखाया गया था। ये फिल्म हिटलर के ऊपर एक कमाल का सटायर था। 

जोजो रैबिट (ताइका वाईतीती)

ताइका वाईतीती मूलत: एक निर्देशक हैं जो मारवल के लिये रैगनोरैक जैसी सुपर हिट फिल्म बना चुके हैं। लेकिन जब इन्होंने अपनी अगली फिल्म की सोची तो उसके केंद्र बिंदु में हिटलर को ही रखा और उसकी कल्पना इस अनूठे ढंग से की कि उसको पर्दे पर खुद ही जीवंत करने की सोची। फिल्म जोजो रैबिट पिछले साल की बेहतरीन फिल्मों में से एक थी और बेस्ट एडैप्टेड स्क्रिनप्ले के लिये इस फिल्म को इस साल आस्कर पुरस्कार से भी नवाजा गया था। 

डाउनफाल (ब्रुनो गांज)

ऐसा माना जाता है कि अभी तक पर्दे पर हिटलर के जितने किरदारों को जिया गया है उनमें से सबसे जीवंत ब्रुनो गांज के हिटलर के किरदार को माना जाता है। 2004 में रिलीज हुई फिल्म डाउनफाल से उन्होंने एक बेंचमार्क स्थापित किया जिसे अभी तक कोई तोड़ नहीं सका है। इस फिल्म में हिटलर के आखिरी दिनों की बात की गई थी। 

द बंकर (एंथनी हापकिंस)

आस्कर विजेता एंथनी हापकिंस ने टेलीविजन के लिये बनी फिल्म द बंकर में हिटलर की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में भी डाउनफाल की तरह हिटलर के आखिरी दिनों की बात कही गई है जब वो अपने बंकर मे छुपे हुये थे और बर्लिन पर बमबारी हो रही थी।