जन्मदिन विशेष – सलमान रुश्दी की पांच बेहतरीन किताबें


लेखक सलमान रुश्दी और विवादों के बीच एक पुराना नाता रहा है। द सैटेनिक वर्सेस के बाद उन्होंने जो भी किताबें लिखी है उनमे से अधिकतर किताबो ने विवादों को हवा ही दी हैं। लेकिन इन सब के बीच लोग अक्सर इस बात को भूल जाते हैं की १९८१ में उनकी लिखी मिडनाइट्स चिल्ड्रन को बूकर ऑफ़ बुकर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनकी किताबों की भाषा भले ही क्लिष्ट हो लेकिन वो सभी विशिष्ट है। युपी दैनिक भास्कर के पाठको के लिए उनके जन्मदिन पर हम उनकी पांच बेहतरीन किताबो के बारे में बताते है।



इमेजिनरी होमलैंड्स: निबंध (1992)

इमेजिनरी होमेलैंड को पढ़ना रुश्दी की व्यक्तिगत डायरी के अंदर झाँकने के बराबर है। रुश्दी की ये किताब निबंधों का एक संग्रह है जिसमें वह लेखकों से फिल्मों से लेकर संस्कृति तक के विभिन्न विषयों पर बात करते हैं, साथ ही साथ राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार पाठको के सामने रखते है।

द ग्राउंड बीनीथ हर फीट (१९९९)

द ग्राउंड बीनीथ हर फीट, रॉक संगीत संस्कृति और ओरफियस और एरीडिस के ग्रीक पौराणिक कथा से प्रेरित है। सलमान रुश्दी की ये किताब दो युवा पुरुषों की प्रेम कहानी है जो एक ही युवती का पीछा करते हैं। कहानी की पृष्ठभूमि उस दौर की है जब रॉक संगीत का दौर अपने चरम पर था। द ग्राउंड बीनीथ हर फीट में पूर्वी और पश्चिमी संस्कृतियों के प्रभाव के साथ-साथ प्राचीन और समकालीन की बात कही गयी है जो इसको एक अविस्मरणीय कहानी बनाती है।

मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981)

मिडनाइट्स चिल्ड्रन में एक युवा लड़के के माध्यम से सलमान रुश्दी भारतीय स्वतंत्रता की एक बेहद रोचक और आकर्षक कहानी बुनी है। मिडनाइट्स चिल्ड्रन का नाम 20 वीं सदी के सबसे सफल उपन्यासों में से एक में शुमार किया जाता है। किताब के मुख्या किरदार सलीम सिनाई का जन्म मध्यरात्रि के समय हुआ था, ठीक उस समय जब भारत को स्वतंत्रता मिली थी। धीरे-धीरे सलीम को जब इस बात की जानकारी होती है कि उस समय पैदा हुए सभी बच्चों के पास विशेष शक्तियां है जिनमे वो खुद भी शामिल है तो इसके बाद वो सभी ऐसे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करने की मुहिम शुरू करता है। मिडनाइट्स चिल्ड्रन को 1981 में बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

द सैटेनिक वर्सेस (1988)

द सैटेनिक वर्सेस को सलमान रुश्दी की सबसे विवादास्पद किताब के रूप में जाना जाता है। चर्चित और विवादास्पद होने की वजह से ये सबसे अधिक मांग वाली पुस्तकों में से भी एक है। कहानी की शुरुआत एक विस्फोट से होती है जो एक जेट विमान के अंदर होता है जिसकी मंज़िल लंदन एयरपोर्ट है। विस्फोट के बाद सिर्फ दो लोग ही बचते है जो आगे चल कर अच्छे और बुरे का प्रतिनिधित्व करते है। इसकी कहानी काफी जटिल है लेकिन अपने कलम की ताकत से रुश्दी ने इसके पात्रो और कथानक को बड़ी ही कुशलता से जोड़ा है। द सैटेनिक वर्सेस की वजह से ही ईरान के अयातुल्ला खोमैनी ने सलमान रुश्दी के ऊपर फतवा जारी कर दिया था।

द मूर्स लास्ट साईं (1995)

सलमान रुश्दी की कल्पना और उनके शब्दों का तानाबान द मूर्स लास्ट साईं को अपने आप में एक उत्कृष्ट कृति बनती है। इस किताब का नायक है मोरास ज़ोगोबी जो अपने अस्तित्व का वर्णन करता है, और पाठको को पूर्व से वर्तमान तक ले जाता है। ज़ोगोबी अपने कहानी की शुरुआत अपने पूर्वजों की कहानियों के साथ शुरु करता है और इस बात से अवगत कराता हैं कि कई पीढ़ियों ने किस तरह से चीज़ों को तोडा मरोड़ा है जिसका सीधा असर उसके जीवन के घटनाओ पर पड़ा है। इस किताब में भारत की समकालीन घटनाओ को भी शामिल किया गया हैं।