कोलकाता। प्रसिद्ध बांग्ला फिल्मकार मृणाल सेन के इकलौते बेटे कुणाल सेन ने अपने पिता के लिखे पत्रों समेत उनकी यादगार कुछ चीजों को यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो को दान में दे दिया है।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता मृणाल सेन के बेटे कुणाल सेन (66) अमेरिका के इलिनॉइस में रहते हैं। कुणाल ने बताया कि उन्होंने अपने पिता की कुछ तस्वीरें और पुरस्कार सहित उनकी स्मृतियों से जुड़ी कुछ चीजें अमेरिकी विश्वविद्यालय को दान में दे दी हैं क्योंकि अपनी बढ़ती उम्र के कारण उन्हें इन चीजों को अपने साथ रखना असुविधाजनक लगता है।
मृणाल सेन का 30 दिसंबर 2018 को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्हें रित्विक घटक और सत्यजीत रे के साथ बांग्ला सिनेमा को आकार प्रदान करने के लिए जाना जाता है।
कुणाल ने शुक्रवार को फेसबुक पोस्ट पर यह जानकारी दी। इस घोषणा के बाद कोलकाता के सिने प्रेमियों की निराशा सामने आई जिन्होंने कहा कि मृणाल सेन का अपना शहर उनकी चीजों को सहेज नहीं पाया।
कुणाल के एक मित्र ने उन्हें सुझाव दिया कि वह ये चीजें कोलकाता के किसी संग्रहालय को दे सकते थे, इस पर उन्होंने कहा कि वह कोलकाता में ऐसे किसी संस्थान का पता नहीं लगा पाए।
कुणाल ने कहा कि उनके पिता ने भी इन चीजों का ध्यान नहीं रखा क्योंकि या तो वह इस तरह के नोस्टेलजिया में गहरा अविश्वास रखते थे या आलस्य के कारण उन्होंने ऐसा किया।
कुणाल सेन ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने सभी पत्र, स्क्रीनप्ले और पांडुलिपियों को ऐसे ही छोड़ दिया था।’’ सॉफ्टवेयर पेशेवर सेन ने कहा कि उन्हें संदेह था कि लोग आगे के सौ साल में मृणाल सेन के जीवन और कार्यों में दिलचस्पी लेंगे या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल इतना चाहता था कि अगर कोई चाहे तो उन्हें ये चीजें उसी स्थिति में मिल जाएं जैसी मुझे मिलीं। इसलिए जब यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने मुझसे संपर्क कर इन दस्तावेजों को संरक्षित करने की इच्छा जताई तो मुझे बहुत खुशी हुई।’’