पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपनी सुरीली आवाज से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत विभिन्न भाषाओं में गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते। कोविड-19 से 74 साल की उम्र में बालासुब्रमण्यम का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने तमिल और अपनी मातृभाषा तेलुगू, हिंदी समेत 16 भाषाओं में गाने गए।
कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के कारण पिछले महीने अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद उन्होंने अपने आखिरी सार्वजनिक वीडियो संदेश में कहा था कि मैं बिल्कुल ठीक हूं और दो दिन बाद छुट्टी पाकर घर लौट आउंगा। लेकिन कोई नहीं जानता था कि बालासुब्रमण्यम का किया यह वादा कभी पूरा नहीं होगा।
बालासुब्रमण्यम की किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 52 दिन तक कोरोना वायरस संक्रमण से जंग लड़ने के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। हालांकि इस महीने की शुरुआत में उनकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
पांच अगस्त को एमजीएम अस्पताल में भर्ती होते समय एक वीडियो क्लिप में उन्होंने कहा था कि वह थोड़ी बेचैनी और सीने में जकड़न महसूस कर रहे हैं। साथ ही उन्हें जुकाम है और बुखार भी आ जा रहा है।
बालासुब्रमण्यम ने बताया था कि डॉक्टरों ने कहा है कि उनमें संक्रमण के बेहद मामूली लक्षण पाए गए हैं और वह घर में रहकर खुद को पृथक रख सकते हैं। साथ ही दवाओं का सेवन भी कर सकते हैं।
दिग्गज गायक बालासुब्रमण्यम ने कहा था कि वह अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं क्योंकि उनका परिवार उन्हें लेकर चिंतित है। साथ ही यहां रहकर वह अच्छी तरह से आराम और समय पर दवाओं का सेवन कर सकेंगे।
उन्होंने दो दिन में घर लौटने की उम्मीद जताते हुए कहा था, ‘मैं पूरी तरह ठीक हूं, लेकिन थोड़ा जुकाम है। मैं ठीक हूं और ठीक रहूंगा।’
हालांकि उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी और 13 अगस्त को उनकी हालत बहुत नाजुक हो गई, जिसके चलते डॉक्टरों को उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखना पड़ा। जीवन रक्षक प्रणाली पर ही उन्होंने आखिरी सांस ली और इस दुनिया से रुख्सत हो गए।
कई राष्ट्रीय और राज्यों के पुरस्कार के साथ ही पद्म श्री और पद्म भूषण से भी उन्हें नवाजा गया। उन्होंने पांच दशक के अपने करियर में कई पीढ़ी के संगीतकारों के साथ काम किया और 40,000 से ज्यादा गाने गाए। बाद के दिनों में वह कई रियल्टी शो से भी जुड़े। एस पी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम श्रीपति पंडिताराध्याउला बालासुब्रमण्यम था।
मोहम्मद रफी के गानों से प्रभावित बालासुब्रमण्यम ने हजारों सदाबहार गाने गाए । सभी तरह के गानों को उन्होंने अपनी आवाज दी, चाहे खुशी के नगमें हो या दर्द भरे गीत। उन्होंने 1966 में पहला गीत गाया था।
वर्ष 1969 में एमजीआर अभिनीत ‘अदिमाईपेन’ में उनका गाया ‘अयराम निलावे वा’ बहुत लोकप्रिय रहा और उसके बाद वह बुलंदियों को छूते गए। शास्त्रीय गायन में औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने जिन ऊंचाइयों को छुआ , वहां तक कई प्रशिक्षित गायक भी नहीं पहुंच पाते हैं।
मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने ट्वीट किया कि-
Pratibhashaali gayak,madhurbhashi ,bahut nek insan SP Balasubrahmanyam ji ke swargwas ki khabar sunke main bahut vyathit hun.Humne kai gaane saath gaaye,kai shows kiye.Sab baatein yaad aarahi hain.Ishwar unki aatma ko shanti de.Meri samvedanaayein unke pariwar ke saath hain.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 25, 2020
उनका जन्म आंध्रप्रदेश के नेल्लौर में चार जून 1946 को हुआ था। प्रख्यात संगीतकार इलैयाराजा समेत उनके कई दोस्त उन्हें प्यार से ‘बालू’ कहकर बुलाते थे। पिछले वर्षों में बालासुब्रमण्यम ने कहा था, ‘‘मैं सिनेमा जगत में नहीं आना चाहता था। साठ के दशक में मैं एक इंजीनियर बनना चाहता था। चाहता था कि 250 रुपये वेतन मिले और मेरे पास एक जीप हो।’’
उन्होंने एम एस विश्वनाथन, इलैया राजा, ए आर रहमान समेत कई संगीतकारों के साथ काम किया और पी सुशीला, एस जानकी, वाणी जयराम और चित्रा समेत अन्य गायिकाओं के साथ युगल गाने भी गाए। बालासुब्रमण्यम को गानों के लिए छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए जिनके श्रोता आज भी कायल हैं। इसके अलावा उन्होंने भक्ति गाने भी गए।
संगीतकार इलैयाराजा के साथ उनकी बहुत प्रगाढ दोस्ती थी। गायक केजे येसुदास के प्रति भी वह बहुत स्नेह रखते थे और उन्हें ‘गुरु’ कहकर पुकारते थे। बालासुब्रमण्यम की बहन एस पी शैलजा भी गायिका हैं। बालासुब्रमण्यम के पुत्र चरण भी सिनेमा-संगीत क्षेत्र में सक्रिय हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को गायक एसपी बालासुब्रमण्यम के निधन पर शोक जताया और उनके परिवार तथा लाखों प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं।
बालासुब्रमण्यम को ‘एक सच्चा संगीतकार’ करार देते हुए ममता ने कहा कि उनकी सुमधुर आवाज को अनेक पीढ़ियो तक याद रखा जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘संगीत के सच्चे हस्ताक्षर एसपी बालासुब्रमण्यम के निधन की खबर सुनकर दु:खी हूं। उनकी सुमधुर आवाज पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। उनके परिजनों, अनेक प्रशंसकों और संगीत जगत के उनके साथियों के प्रति संवेदनाएं।’’
Grieved to hear of the passing of a true legend of music, SP Balasubrahmanyam. His golden voice will be remembered for generations. Condolences to his family, many admirers and colleagues in the music industry.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 25, 2020