बॉलीवुड के बेहतरीन हास्य कलाकारों में शुमार देवेन वर्मा के अनकहे किस्से

देवेन वर्मा को शायद आज की पीढ़ी नहीं जानती हो लेकिन उन्होंने अपनी बेहतरीन कॉमेडी के चलते 70-80 के दशक में खूब नाम कमाया है। वो जितने होनहार कलाकार थे, उतने ही नेक दिल इंसान भी थे। उन्होंने कभी किसी के साथ काम करने के लिए मना नहीं किया।

मुंबई। बॉलीवुड में हीरो भले ही फिल्मों की शान माने जाते हों लेकिन फिल्म को मजेदार तो कॉमेडियन ही बनाते हैं। जिनकी अदाकारी देखकर हम खुद को हंसने से रोक ही नहीं पाते। बॉलीवुड की शुरूआत से लेकर अभी तक बहुत से ऐसे एक्टर हुए।

जिन्होंने अपनी कॉमेडी से लोगों को लोटपोट होकर हंसने पर मजबूर कर दिया। उन्हीं मे से एक थे देवेन वर्मा, जिनका आज जन्मदिन है। हालांकि वो हमारे बीच अब नहीं है लेकिन उनका हसमुख चेहरा हमेशा हमारे जहन में जिंदा रहेगा।

देवेन वर्मा को शायद आज की पीढ़ी नहीं जानती हो लेकिन उन्होंने अपनी बेहतरीन कॉमेडी के चलते 70-80 के दशक में खूब नाम कमाया है। वो जितने होनहार कलाकार थे, उतने ही नेक दिल इंसान भी थे। उन्होंने कभी किसी के साथ काम करने के लिए मना नहीं किया।  जिस वजह से उन्हें काफी परेशानी भी झेलनी पड़ी और कहा जाता है कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब उन्होंने एक साथ 16 फिल्मों में काम किया। देवेन वर्मा ने फिल्मों में एक्टिंग अलाव खुद की भी फिल्में बनाई। जिन फिल्मों में अशोक कुमार, अमिताभ और मिथुन जैसे बड़े अभिनेताओं ने काम किया।

वैसे तो वो किसी फिल्मी परिवार से नहीं थे लेकिन कहते हैं न कि ‘जहां चाह वहां राह’। ऐसा ही हुआ देवेन वर्मा के साथ, वह एक्टिंग करने में वो शुरू से ही माहिर थे। जैसे कि भगवान ने विरासत में उन्हें यह कला बख्शी हो। वहीं एक बार कॉलेज टाईम में स्टेज शो के दौरान दर्शकों के बीच बैठे मशहूर फिल्मकार बीआर चौपड़ा को उनकी अदाकारी भा गई और उन्होंने देवेन को अपनी फिल्म धर्मपुत्र के लिए साइन कर लिया।

इस तरह से देवेने ने 1961 में फिल्मी दुनिया में अपना पहला कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वैसे तो उनकी यह पहली फिल्म फ्लॉप रही लेकिन दर्शकों पर उनकी कॉमेडी का जादू छा गया और इसी तरह उन्होंने करियर की कुल 149 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जादू बिखेरा। जिनमें से 1975 में बनी चोरी मेरा काम और 1982 में बनी अंगूर के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।  

लेकिन उनकी मेहनत और हुनर के लिए मिले ये अवॉर्ड उनके पास ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाए।  कुछ समय बाद ही उनकी पत्नी को लंग्स से प्रॉब्लम होने की वजह से डॉक्टर ने उन्हें मुंबई से बाहर जाकर रहने की सलाह दी थी।  जिस वजह से वह चैन्नई चले गए लेकिन पत्नी के ठीक होने के बाद जब वो वापिस लौट रहे थे। तो रास्ते में ही उनका वो बैग छूट गया.. जिसमें उनके अवॉर्ड रखे हुए थे।

वही अगर उनकी मैरिड लाइफ की बात करें तो शायद कम ही लोग ये बात जानते होंगे कि उन्होंने उस दौर में भी लव मैरिज की थी। उनकी शादी बॉलीवुड इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मशहूर अशोक कुमार की छोटी बेटी से रूपा गांगुली से हुई थी। लेकिन इनके लव से मैरिज तक का सफर इतना आसान नहीं था। देवेन वर्मा को अशोक कुमार को मनाने में दो साल गए थे। तब जाकर अशोक कुमार उनकी शादी के लिए राजी हुए।

आपको बता दें कि देवेन वर्मा ने अपने जीवन का बहुत लंबा सफर बॉलीवुड में तय किया। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया। उनका कहना था कि वह अपनी बढ़ती उम्र और तेज रफ्तार से भाग रही नई पीढ़ी को मैच करने में कंफर्टेबल नहीं हैं।

उनकी आखिरी फिल्म 2002 में आई मेरी यार की शादी थी। उसके बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और मुंबई से दूर अपने घर पुणे वापिस चले गए लेकिन 2 सितंबर 2014 को दिल का दौरा पड़ने से 76 साल की उम्र मे उनका निधन हो गया और एक हसता मुस्कराता चेहरा हमारी आंख से ओछल हो गया।

First Published on: October 23, 2020 2:42 PM
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