यश चोपड़ा की सफलता में इनका बहुत बड़ा योगदान है


वैसे तो पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और पंडित शिव कुमार शर्मा व्यक्तिगत स्तर पर संगीत की दुनिया में बहुत बड़े नाम है लेकिन जब इन दोनों ने फिल्मों में संगीत देने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाया तब शायद वो संगीत के कद्रदानो के लिए एक तरह से सौगात था।



शिव-हरि के नाम से मशहूर इस जोड़ी ने 1967 में पहली बार कॉल ऑफ़ द वैली नाम का एल्बम रिकॉर्ड किया था। उस ज़माने मे ये संगीत की दुनिया में एक क्रान्तिकारी प्रयोग था जिसको लोगो ने काफी सराहा था। 1981 में इन्होने पहली बार अपने कदम फ़िल्मी दुनिया में रखे और अपनी पहली फिल्म सिलसिला से लोगो का ध्यान अपने अद्भुत संगीत की वजह से अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे। कुल मिलकर 8 फिल्मो में इन्होने संगीत दिया जिसमे से 7 फिल्मो का निर्देशन अकेले यश चोपड़ा ने किया था। आइये एक नज़र डालते है शिव-हरि के उन गानो पर जिन्होंने अपने रिलीज़ के वक़्त काफी धूम मचाई थी और आज भी जब रेडियो स्टेशन पर बजते है तो लोगो को झूमने पर मजबूर कर देते है। 

ये कहा आ गए हम (फिल्म – सिलसिला)

14 अगस्त 1981 को जब ये फिल्म रिलीज़ हुई थी तब शिव-हरि के साथ फिल्म जगत में एक और कद्दावर शख्श ने गानो की दुनिया मे अपने फ़िल्मी करियर का आग़ाज़ किया था। ये कोई और नहीं बल्कि जानेमाने स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर थे। इस गाने के बारे में ऐसा कहा जाता है की अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर ने अलग-अलग इसको रिकॉर्ड किया था अनबन की वजह से।

हम चुप है (फिल्म – फासले)

शिव-हरि के कर्णप्रिय संगीत से सजी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से मात खा गयी थी लेकिन इसके गानो ने कुछ हद तक इस फिल्म की लाज बचा ली थी। इसके पहले यश चोपड़ा काला पत्थर, मशाल और सिलसिला सरीखी फिल्मो में बड़े सितारों के साथ काम कर चुके थे और इस फिल्म के लिए उन्होंने अपना ट्रैक बदला और नए सितारों को लिया था।

लगी आज सावन (फिल्म – चांदनी)

कई फ्लॉप फिल्मो को देने के बाद यश चोपड़ा ने जबरदस्त सफलता का स्वाद फिल्म चांदनी से चखा था। और उनकी इस सफलता में एक बहुत बड़ा हाथ था शिव-हरि के संगीत का। लगी आज सावन गाना इस कदर लोगो के सर चढ़ कर बोला की अमेरिका में सिंगर बॉब डोलेमाईट के गाना ओपियम का ये हिस्सा भी बना।

कभी मैं कहूं (फिल्म – लम्हे)

जब लम्हे बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ हुई थी तब ये बुरी तरह से फ्लॉप हो गयी थी। उसी दिन रिलीज़ हुई अजय देवगन की पहली फिल्म फूल और कांटे ने लम्हे को बॉक्स ऑफिस पर धो दिया था लेकिन वक़्त के साथ लोगो के ऊपर इस फिल्म का नशा चढ़ा और अब अपने रिलीज़ के 29 सालो के बाद अब ये फिल्म एक कल्ट फिल्म बन चुकी है। इस फिल्म को कल्ट का दर्ज़ा दिलाने में रही मासूम रजा की कहानी के साथ साथ शिव-हरि के शानदार संगीत का भी जबरदस्त योगदान माना जायेगा।

जादू तेरी नज़र (फिल्म – डर)

फिल्म डर में संगीत देने के बाद शिव हरी एक तरह से चरम पर पहुंच गए थे। इस फिल्म के सभी गाने ने धूम मचाई थी। ये बेहद ही अफ़सोस की बात थी की आगे चल कर शिव-हरि और यश चोपड़ा की फ़िल्मी जुगलबंदी देखने को नहीं मिली और डर उनकी आखिरी फिल्म साबित हुई।