चोपड़ा ने कहा, ‘‘ मैं जिंदगी के ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां मैं पीछे मुड़कर आत्मावलोकन कर सकती हूं … इसने मुझे हमेशा किसी लक्ष्य के पीछे भागने के लिए खुद को माफ करने का मौका दिया और मेरी असुरक्षा की भावना को दूर करने की क्षमता दी, जो युवावस्था के समय मुझमें थी। किताब लिखने की प्रक्रिया मेरे लिए खुद को बेहतर महसूस कराने वाली रही।’’
उन्होंने कहा कि उनके अंदर एक लेखक हमेशा से था लेकिन वह सिलसिलेवार तरीके के लेखन से डरती थी, जो एक पुस्तक को लिखने के लिए जरूरी है। मैं सच में चाहती थी कि यह किताब मेरी उपलब्धियों और ख्याति के बारे में ना हो।
प्रियंका ने कहा कि इसके लिए उन्हें काफी आत्मावलोकन करना पड़ा… अपनी असफलताओं, दुख का और उस समय का जब उन्होंने काफी संघर्ष किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि इसने एक किताब का रूप कैसे ले लिया लेकिन मुझे लगता है कि वास्तव में मैं, यही किताब लिखना चाहती थी।’’
नई दिल्ली। अदाकारा एवं निर्माता प्रियंका चोपड़ा जोनस ने कहा कि उनका संस्मरण ‘अनफिनिश्ड’ उनकी वाहवाही के बारे में नहीं है बल्कि इसको लिखते समय उन्हें अपनी असफलताओं, दुखों और संघर्षों का आत्मावलोकन करने का मौका मिला और इससे उन्हें असुरक्षा की भावनाओं को दूर करने और खुद को हमेशा नए लक्ष्य के पीछे भागते रहने के लिए माफ करने की भी समझ पैदा की।