बेहतरीन संगीतकार होने के अलावा आर डी बर्मन कमाल के गायक भी थे

संगीतकार आर डी बर्मन की सही प्रतिभा लोगो को तब पता चली जब वो इस दुनिया से रुखसत हो गए। आर डी बर्मन के करियर की सबसे बड़ी ट्रैजेडी यही थी की उनके कंपोज़ किये बेहतरीन गाने अमूमन फ्लॉप फिल्मो के हिस्सा थे जिस वजह से दुनिया ने उनको एक समय के बाद भुला दिया था।

बेहतरीन कंपोजर होने के अलावा पंचम ने अपनी आवाज का भी जादू कई फिल्मो में बिखेरा। आइये बात करते है पंचम की आवाज में उन पांच गानो की जो फिल्म की असफलता की वजह से लोगो की जुबान पर ज्यादा नहीं चढ़ पाए।

मांझी तेरी नैया से (फिल्म – आरपार) (1985)

आरपार को बनाने वाले थे मशहूर निर्देशक शक्ति सामंत और इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती मुख्य भूमिका मे थे। इस फिल्म में भारत और बांग्ला देश के कलाकारों ने काम किया था। मछुआरों के इर्द गिर्द घूमती इस कहानी को देखने के लिए शायद ही कोई सिनेमा हॉल गया था।  फिल्म के फ्लॉप होने के साथ साथ इस कमाल के गाने की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया था लेकिन आगे चल कर एफ एम रेडियो स्टेशन्स ने इसे जिंदा कर दिया।

प्यार नगमा है (फिल्म – ज़मीन आसमान) (1984)

1984 में रिलीज़ हुई इस फिल्म में कुछ एक बड़े सितारों का जमावड़ा था – राखी, रेखा, शशि कपूर और बिलकुल नए संजय दत्त जिनकी रॉकी के बाद ये दूसरी फिल्म थी। ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर किसी भी तरह का असर छोड़ने में पूरी तरह से नाकामयाब रही थी। लेकिन इस फिल्म के गानो का नशीलापन समय के साथ बढ़ता ही गया।

क्या बुरा है क्या भला (फिल्म – लिबास) (1988)

गुलज़ार निर्देशित इस फिल्म के सभी गाने एक से बढ़कर एक थे लेकिन इस फिल्म को हिट या फ्लॉप बनने का मौका भी नहीं मिला क्योंकि ये फिल्म कभी रिलीज़ ही नहीं हो पायी। दो साल पहले इस फिल्म के प्रिंट को रिस्टोर किया गया था और उसके बाद इसको इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया में दिखाया गया था। शबाना आज़मी और नसीरुद्दीन शाह अभिनीत इस फिल्म को गुलज़ार से ज्यादा आर डी बर्मन के संगीत के लिया जाना जाता है।

सुनो सितमगर मेरे (फिल्म – ज़बरदस्त) (1985)

फिल्म निर्देशक के करियर में फिल्म ज़बरदस्त को एक तरह से अपवाद माना जायेगा। सुपरहिट फिल्मों की झड़ी लगाने वाले नासिर हुसैन के फिल्मी करियर की ये सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म थी। दुःख की बात ये थी की इस फिल्म के बाद उन्होंने कोई और फिल्म नहीं बनाई क्योंकि इसके बाद उनकी मृत्यु हो गयी थी। संजीव कुमार, सनी देओल जैसे कुछ बड़े सितारे इस फिल्म में थे लेकिन आर डी बर्मन के संगीत ने इस फिल्म की लाज कुछ हद तक बचा ली थी।  

आसमान से एक सितारा (फिल्म – राही बदल गए) (1985)

मुमकिन है की आपको इस फिल्म के बारे में कोई भी जानकारी ना हो लेकिन लेकिन रवीना टंडन के पिता रवि टंडन द्वारा निर्देशित इस फिल्म को लोगो ने सरे से बॉक्स ऑफिस पर नकार दिया था। इस फिल्म में ऋषि कपूर और शबाना आज़मी मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म की कहानी काफी हद तक अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म कस्मे वादे से मेल खाती है।

First Published on: June 27, 2020 11:13 AM
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