अमिताभ बच्चन की सक्सेस से जलते थे विनोद खन्ना, करियर के पीक पर छोड़ दी थी एक्टिंग

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70 और 80 के दशक में एक्टर विनोद खन्ना ने अपनी चार्मिंग पर्सनैलिटी और एक्टिंग टैलेंट से हलचल मचा रखी थी। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल करती थीं। लेकिन फिर अचानक से विनोद खन्ना ने करियर के पीक पर एक्टिंग छोड़ दी थी और वो ओशो के आश्रम जा पहुंचे। विनोद खन्ना ने संन्यास ले लिया। अब ओशो के छोटे भाई स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने विनोद के बारे में कई बातें बताई हैं।

हिंदी रश से बातचीत में स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने कहा, ‘ये (सेलेब्स-एक्टर्स) लोग सपनों के सौदागर होते हैं। वो स्क्रीन पर भ्रम क्रिएट करते हैं, लेकिन उनकी अपनी जिंदगी परफेक्शन से दूर होती है। ग्लैमर के पीछे काफी उथल पुथल चलती है।’

‘दुखी रहते थे विनोद खन्ना’

स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने कहा, ‘विनोद अक्सर कहते थे कि वो अपनी पत्नी और बच्चों को बहुत मिस करते हैं। विनोद दुखी थे। लोगों से पूछा कि ये ऐसे क्यों रहते हैं तो लोगों का कहना था कि वो फैमिली को मिस करते हैं। लेकिन ओशो को इस बात पर विश्वास नहीं था। ओशो का कहना था कि ‘वो अपनी फैमिली को मिस नहीं करते हैं। विनोद को कहिए कि वो इंडिया जाएं और अमिताभ बच्चन के खिलाफ इलेक्शन लड़ें।’

अमिताभ बच्चन की सक्सेस से जलते थे विनोद खन्ना

विनोद ने तब बॉलीवुड छोड़ा जब वो टॉप पर थे और उनकी अनुपस्थिति में अमिताभ बच्चन नंबर वन स्टार बन गए। ओशो ने बताया कि विनोद अपनी पॉजिशिन मिस करते थे। अपना टॉप प्लेस मिस करते थे। वो अमिताभ बच्चन की सक्सेस से जलते थे।’

फिर कुछ समय बाद विनोद खन्ना इंडिया लौटे। उन्होंने अपना फिल्म करियर फिर से शुरू किया। उन्होंने कई सक्सेसफुल फिल्में दीं और पॉलिटिक्स में एंट्री ली। वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में यूनियन मिनिस्टर बने।