जन्मदिन विशेष – जब संजीव कुमार ने शत्रुघ्न सिन्हा की आर्थिक परेशानी दूर की थी


फिल्म खिलौना की शूटिंग के दौरान संजीव कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा पहली बार एक दूसरे से मिले थे और उसी दौरान दोनों के बीच गाढ़ी दोस्ती हो गयी थी। आगे चल कर दोनों ने करीब 12 फिल्मों में साथ काम किया। हथकड़ी, जानी दुश्मन, चेहरे पे चेहरा, क़त्ल इनकी कुछ साथ में की गयी प्रमुख फिल्में थी।


नागरिक न्यूज admin
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ये महज इत्तेफ़ाक़ की बात है की संजीव कुमार का जन्मदिन और शत्रुघ्न सिन्हा के शादी की सालगिरह की तारीख एक ही दिन है।लेकिन जब बात जश्न मनाने की होती थी तब ये दोनों अभिनेता एक साथ ही जन्मदिन और सालगिरह मनाते थे। संजीव कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा की शुरुआत रुपहले परदे पर धमाकेदार रही थी। ये दोनों पहली बार फिल्म खिलौना में साथ नज़र आये और आगे चल कर खिलौना को सुपरहिट फिल्म का दर्ज़ा मिला। दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी की जब संजीव कुमार की मृत्यु हो गयी थी तब शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने दोस्त के घर के गेट पर 9 घंटे खड़े हो कर बिताये थे। अपनी बायोग्राफी एनीथिंग बट खामोश में शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने दोस्त के साथ कई मजेदार किस्सों को याद किया है। 

लेकिन उनकी किताब मे एक किस्सा ऐसा भी है जो संजीव कुमार की शख्सियत के बारे में बहुत कुछ बयां करता है। ये उस वक़्त की बात थी जब विश्वनाथ और कालीचरण हिट होने के बाद कुछ वजहों से शत्रुघ्न सिन्हा और निर्देशक सुभाष घई के बीच के रिश्तो में दरार आ गयी थी। जब विधाता फिल्म की कास्टिंग चल रही थी तब फिल्म के निर्माता गुलशन राय फिल्म मे एक रोल के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को लेने के लिए बेहद इच्छुक थे लेकिन सुभाष घई ने शत्रुघ्न सिन्हा का पत्ता यह कह कर फिल्म से कटवा दिया कि अगर वो फिल्म का हिस्सा बनते है तो वो निर्माता की रिस्क पर होगा। इस घटना के बाद भी दोनों में दोस्ती बरकरार रही और ये वो दौर था जब शत्रुघ्न सिन्हा को कुछ पैसो की दरकार थी और उसे वो जुटाने की पुरजोर कोशिश में थे। मुसीबत इस कदर सर पर आन पड़ी थी की शत्रुघ्न सिन्हा को अपनी पत्नी पूनम सिन्हा को फ्लैट बेचने के लिए कहना पड़ा। लेकिन जब इस बात की खबर सुभाष घई को मिली तब उन्होंने पूनम सिन्हा को यही कहा की वो शत्रुघ्न को उनसे बात करने के लिए बोले। अपनी जमीर को अलग रख कर जब शत्रुघ्न सिन्हा ने पैसे की बात की तब सुभाष घई ने उनको यही कहा की पैसे तो वो दे देंगे लेकिन उस पर उनको ब्याज भी देना पड़ेगा। शत्रुघ्न सिन्हा के लिये ये बेहद ही दुखदाई खबर थी की उनका दोस्त ऐसी बात कैसे कह सकता है। 

कुछ दिनो के बाद एक फिल्म के सेट पर शत्रुघ्न सिन्हा का संजीव कुमार से मिलना हुआ और तब उनका रुआंसा चेहरा देखकर संजीव कुमार ने उनसे पूछ लिया की आखिर बात क्या है और वो क्यो परेशान है। पूरी कहानी सुनने के बाद संजीव कुमार ने उनको यही कहा की वो अगर उनको पैसे दे देंगे तो वो कब तक लौटा देंगे। इसके जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा ने उनको कहा की वो पैसे लौटाने की कोई समय सीमा नहीं दे सकते है। अगले दिन संजीव कुमार के बिज़नेस मैनेजर शत्रुघ्न सिन्हा के घर पहुंच गए और एक पैकेट देकर कहा की इसमें एक वीडियो कैसेट है जो संजीव कुमार ने भेजा है। वीडियो कैसेट की कवर खोलने के बाद उसमे कोई कैसेट नहीं था अलबत्ता जितने रुपये की दरकार शत्रुघन सिन्हा को थी वो रकम जरूर थी। बिना कुछ कहे संजीव कुमार ने वो रुपये चुपके से अपने दोस्त को भेज दिए थे। इसके बाद जब शत्रुघ्न सिन्हा ने उनको पूछा की उनको कितना ब्याज देना पड़ेगा तो उनका जवाब यही था की दोस्ती में कोई ब्याज नहीं होता है।

शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी किताब में माना है की उनके फ्रेंड, फिलोसोफर और गाइड फिल्म इंडस्ट्री में संजीव कुमार ही थे और उनको आजतक इस बात का इल्म नही है कि उन्होनो संजीव कुमार को पुरे रकम आगे चलकर दिये या नही। शत्रुघ्न सिन्हा को आज भी यही लगता है कि उन्होने अपने जिगरी दोस्तो को पुरी रकम नही चुकाई थी।