जब एक सोडा ड्रिंक गायक मुकेश के लिये जानलेवा साबित हुआ


जाने माने गायक मुकेश का निधन हार्ट अटैक के चलते १९७६ में कनाडा में हुआ था जब वो अपने शो के लिए वहा गए थे। अपने निधन के एक दिन पहले उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के वाशिंगटन कोरेस्पोंडेंट एम वी कामथ की पार्टी में शिरकत की थी। उनके निधन के अगले ही दिन बाद एम वी कामथ ने अख़बार के लिये एक लेख लिखा जिसमे उन्होनें बताया था कि मौत के एक रात पहले उनके साथ क्या हुआ था।


नागरिक न्यूज admin
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बॉलीवुड में ७० का वो दौर था जब फिल्म जगत के कलाकार अक्सर शोज के लिए विदेशो का रुख करते थे। ये सितारे जिनमे अभिनेता और गायक दोनों होते थे, अक्सर इनको शोज के दौरान पार्टियों के लिए न्योता दिया जाता था। ये पार्टिया अमूमन नॉन रेजिडेंट इंडियंस की तरफ से होती थी और कभी कभी ये पार्टिया भारतीय दूतावास भी व्यवस्थित करता था। इन्ही पार्टियों में से एक पार्टी के दौरान एम वी कामथ की मुलाकात मुकेश से हुई थी और फिर उन्होंने मुकेश को अपने घर शराब पीने के लिए आमंत्रित किया। विदेश में किसी हिंदुस्तानी के घर जाकर पार्टी में शरीक होने का प्रलोभन मुकेश के लिए शानदार जरुर था लेकिन अपने व्यस्त कार्यक्रम की वजह उन्होंने इस आॅफर को मना कर दिया इस वादे के साथ की अगली बार वो जरूर आएंगे। 

वो मौका मुकेश को अगले साल ही मिल गया जब वो कनाडा लता मंगेशकर के साथ एक शो के सिलसिले में आये। किस्मत की बात थी की उस पार्टी में एम वी कामथ भी थे और जब उनकी मुलाकात मुकेश से हुई तब उन्होंने उनके वादे को याद दिलाया। उसके तुरंत बाद मुकेश ने यही कहा की वो चलने के लिए अभी तैयार है। ये पूरी बातचीत लता मंगेशकर दूर से सुन रही थी। बातचीत के बाद उन्होंने एम वी कामथ से पूछा की क्या वो मुकेश को अपने घर ले जा रहे है. जब जवाब में उनको हां में मिला तब उन्होंने इस बात की गुज़ारिश की की वो मुकेश को शराब से दूर रखे क्योंकि उनको कुछ समय पहले दिल का दौरा पड़ा था और डॉक्टर ने इस बात की उनको सख्त हिदायत दी है की वो शराब से दूर रहे।

ये बात सुनकर एम वी कामथ कुछ देर के लिए परेशान हो गए की एक दिल का मरीज एक थकाने वाला कॉन्सर्ट टूर का हिस्सा क्यों है। लेकिन उन्होंने लता मंगेशकर को आश्वस्त किया की वो ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे। शो की ऑर्गनाईजर पुनिता भट्ट और मुकेश के साथ जब एम वी कामथ अपने घर पहुंचे तब उन्होंने मुकेश को सीधे शब्दों में बता दिया की उन्होंने लता मंगेशकर को वादा किया है की वो उनको शराब नहीं सर्व करेंगे। ये सुनकर मुकेश ने मुस्कुरा कर उनको बोला की शैम्पेन तो मैं पी सकता हुं ना क्योंकि इसको शराब नहीं माना जाता है। 

ये सुनकर एम वी कामथ थोड़े परेशान हो गए और फिर उन्होंने पुनिता भट्ट से पूछा की क्या उनको शैम्पेन हम दे सकते है। पुनिता ने जब हाँ कहा तब उनके सामने एक और परेशानी ये खड़ी हो गयी की घर में शैम्पेन की बोतल नहीं थी। रात ९३० बजे पुनिता खुद शैम्पेन की बोतल खरीदने निकली लेकिन शैम्पेन ना मिल पाने की वजह से उन्हें एक सोडा वाला ड्रिंक खरीदना पड़ा जो उस समय अमेरिका में  बेहद मशहूर हुआ था। वादे के मुताबिक कामथ ने उनको एक गिलास से ज्यादा पीने का मौका नहीं दिया। खाने में उनको सांभर, रायता और कुछ शाकाहारी व्यंजन परोसा गया जिसको उन्होंने बड़े ही चाव से खाया। खाने के बाद जब महफ़िल जमी तब उन्होंने कभी कभी मेरे दिल में गाकर दो लोगो की महफ़िल को कभी भी ना भूलने वाली महफ़िल बना दिया।

लता मंगेशकर के डर की वजह से की कही उनके ऊपर वो मुकेश को थकाने का आरोप ना लगा दे, एम् वी कामथ ने पार्टी को जल्दी ही विराम दे दिया। अगले दिन सुबह मुकेश को डेट्रॉइट के लिए हवाई जहाज से निकलना था। अगले दिन की सुबह बीत गयी और जब शाम ढली तब एम वी कामथ को पुनिता का फ़ोन कॉल आया जिसमे उन्होंने बताया की मुकेश का निधन हो गया है। उन्होंने बताया की उनके सीने में दर्द हुआ था जिसकी वजह से वो ज़मीन पर ढेर हो गए।