म्यांमार से भाग कर भारत आए 151 सैनिक, असम राइफल्स से मांगी शरण

असम राइफल्स के अधिकारी ने बताया है कि अराकान के हमले के बाद भारत भाग कर आए इन जवानों को सुरक्षित रखा गया है। हालांकि इन्हें जल्द उनके देश वापस भेजा जाएगा। इस बारे में विदेश मंत्रालय और म्यांमार की सैन्य सरकार के बीच बातचीत चल रही है।

म्यांमार में एक सशस्त्र जातीय समूह “अराकान” के हमले के बाद वहां की सेना के 151 जवान जान बचाने के लिए भाग कर भारत आए हैं। आराकान ने वहां सैन्य शिविरों पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद ये सैनिक अपने देश से भागकर मिजोरम के लांग्टलाई जिले में पहुंच गए। इन्होंने असम राइफल्स से मदद मांगी। इसके बाद इन्हें सुरक्षित रखा गया है।

असम राइफल्स के एक अधिकारी ने शनिवार (30 दिसंबर) को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इन सैनिकों के बारे में विदेश मंत्रालय को जानकारी दी गई है जिसके बाद इन्हें वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार (29 दिसंबर) को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उनके शिविरों पर अराकान सेना के लड़ाकों द्वारा कब्जा कर लिया गया। इसके बाद म्यांमार सेना के जवान अपने हथियारों के साथ भाग गए और लांग्टलाई जिले के तुईसेंटलांग में असम राइफल्स के पास पहुंचे। अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से भारतीय सीमा के करीब के इलाकों में म्यांमार सेना और अराकान सेना के लड़ाकों के बीच तीव्र गोलीबारी हो रही है।

असम राइफल्स के अधिकारी ने बताया कि मिजोरम में प्रवेश करने वाले म्यांमार सेना के कुछ जवान इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें असम राइफल्स द्वारा प्राथमिक इलाज दिया गया है। उन्होंने कहा कि म्यांमार सेना के जवान अब म्यांमार सीमा के पास लॉन्ग्टलाई जिले के पर्व में असम राइफल्स की सुरक्षित हिरासत (Safe Custody) में हैं।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक असम राइफल्स के अधिकारी ने बताया है कि अराकान के हमले के बाद भारत भाग कर आए इन जवानों को सुरक्षित रखा गया है। हालांकि इन्हें जल्द उनके देश वापस भेजा जाएगा। इस बारे में विदेश मंत्रालय और म्यांमार की सैन्य सरकार के बीच बातचीत चल रही है।

आपको बता दें कि म्यांमार में सैन्य शासन है और स्थानीय अराकान समूह के साथ लंबे समय से कई मोर्चे पर जंग चल रही है। जगह जगह अराकान के लड़ाके सैन्य शिविरों पर कब्जा करने के लिए गोलीबारी करते रहे हैं। इसे लेकर भारतीय सीमा पर भी हमेशा मुस्तैद बरती जा रही है।

First Published on: December 31, 2023 12:01 PM
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