चाइल्डलाइन पर आने वाले 40 फीसदी कॉल में होती है मदद की मौन पुकार


आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में 1.01 करोड़ कॉल आए जिनमें से 42 लाख या 42 फीसदी कॉल ‘मौन कॉल’ थे, जबकि 2019 में कुल 69 लाख कॉल आए जिनमें से 27 लाख या 39 फीसदी कॉल इस तरह के थे। साल 2020 में सितंबर तक कुल 43 लाख कॉल आए जिनमें से 16 लाख या 36 फीसदी ‘मौन कॉल’ थे।


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नई दिल्ली। चाइल्डलाइन हेल्पलाइन नंबर 1098 पर आने वाले 40 फीसदी ‘मौन कॉल’ होते हैं अर्थात ऐसे कॉल जिनमें कोई कुछ बोलता नहीं। यह आंकड़ा वर्ष 2018 से लेकर इस वर्ष सितंबर तक का है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इन कॉल में से कई मामले ऐसे लोगों की ओर से मदद की मौन पुकार के होते हैं, जो उस वक्त शोषण या हिंसा के बारे में बताने का साहस नहीं जुटा पाते।

अधिकारी ने बताया कि ‘मौन कॉल’ में कॉल करने वाला कुछ नहीं बोलता हालांकि पीछे की आवाजें आती हैं।

चाइल्डलाइन ‘1098’ परेशानी में फंसे बच्चों के लिए दिन-रात काम करने वाला हेल्पलाइन नंबर है। यह 595 जिलों और 135 रेलवे चाइल्ड हेल्पडेस्क के लिए काम करता है।

चाइल्डलाइन की ओर से मुहैया करवाए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2018 से लेकर इस वर्ष सितंबर तक कुल 2.15 करोड़ कॉल आए, जिनमें से 86 लाख ‘‘मौन कॉल’’ थे।

अधिकारी ने बताया, ‘‘इस तरह के ज्यादातर कॉल का मतलब यह होता है कि कोई वास्तव में मदद चाहता है लेकिन उस वक्त बोलने का साहस नहीं जुटा पा रहा। इसलिए हम इस तरह के कॉल काटते नहीं हैं।’’

उन्होंने बताया कि कई बार व्यक्ति स्टाफ के सदस्यों द्वारा समझाने पर बात भी करता है। हालांकि बीते तीन वर्ष में ‘‘मौन कॉल’’ कम हुए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 में 1.01 करोड़ कॉल आए जिनमें से 42 लाख या 42 फीसदी कॉल ‘मौन कॉल’ थे, जबकि 2019 में कुल 69 लाख कॉल आए जिनमें से 27 लाख या 39 फीसदी कॉल इस तरह के थे। साल 2020 में सितंबर तक कुल 43 लाख कॉल आए जिनमें से 16 लाख या 36 फीसदी ‘मौन कॉल’ थे।



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