महामारी में अध्यापन के ऑनलाइन माध्यम से 43 प्रतिशत शिक्षक नाखुश :सर्वेक्षण

नई दिल्ली। करीब 43 प्रतिशत शिक्षकों ने कहा है कि वे महामारी के दौरान ऑनलाइन अध्यापन से संतुष्ट नहीं हैं, जबकि उनमें से नौ प्रतिशत ने शिक्षा के इस माध्यम से पूर्णत: असंतोष व्यक्त किया है। एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है।

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) के प्रथम जर्नल -‘चिल्ड्रेन फर्स्ट: जर्नल ऑन चिल्ड्रेंस लाइव्स’ में प्रकाशित एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में कुल 220 स्कूली शिक्षकों ने हिस्सा लिया।

ज्यादातर शिक्षकों (43 प्रतिशत) ने कहा कि वे लोग ऑनलाइन अध्यापन करने से संतुष्ट नहीं हैं और नौ प्रतिशत शिक्षक इस माध्यम से कहीं से भी खुश नहीं थे।

शिक्षकों ने जिन मुख्य मुद्दों की पहचान की है, उनमें महामारी के चलते अध्यापन के ऑनलाइन होने पर छात्रों की अनुपस्थिति (14 प्रतिशत), विशेष जरूरत वाले बच्चों (21 प्रतिशत) पर विचार नहीं करना, छात्रों पर ध्यान देने की अवधि का कम होना (28 प्रतिशत), छात्रों द्वारा भावनात्मक मुद्दे प्रकट करना (19 प्रतिशत) और छात्रों द्वारा असाइनमेंट पूरा नहीं करना शामिल है।

सर्वेक्षण में भाग लेने वाले शिक्षकों और छात्रों ने यह भी कहा कि ऑनलाइन भावनात्मक सहयोग और काउंसलर का सामूहिक रूप से बातचीत करना तथा समाज कार्य ने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा में कहीं अधिक सहभागी बनाने में मदद की।

शिक्षकों ने जोर देते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा में अभिभावकों की भागीदारी आवश्यक हो गई है क्योंकि तभी जाकर बच्चों तक उनकी नियमित पहुंच होगी और वे इस अवधि के दौरान सीधे तौर पर शामिल हो सकते हैं।

सर्वेक्षण के मुताबिक, अध्ययन में भाग लेने वाले छात्रों ने कहा कि वे मित्रों से मिलने व लोगों से बातचीत करने आदि जैसी कई स्कूली गतिविधियों से वंचित रह गये।

First Published on: October 24, 2021 8:26 PM
Exit mobile version