जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि मजहब पूछ कर मारा जाना इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है। मजहब पूछकर पर्यटकों को मारने वाले आतंकियों पर अल्लाह की लानत भेजता हूं।’
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने आगे कहा, “यह जानवरों से भी बदतर हरकत है। भारत सरकार से अपील करता हूं कि इन्हें जड़ से खत्म किया जाए और इनको इन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए। पुलवामा हमले की तरह इन आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना चाहिए । कश्मीर शांति और तरक्की की तरफ आगे बढ़ रहा था।”
इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं- सैयद नसीरुद्दीन
चिश्ती ने कहा कि यह हमला वहां की शांति और तरक्की को रोकने की साजिश है। इस मामले में मजहब के नाम पर आतंक फैलाया गया, कोई भी मजहब इस तरह की हरकत की इजाजत कतई नहीं देता। इस्लाम में इस तरह के आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। बेगुनाहों को मारने की इस्लाम कतई इजाजत नहीं देता।
उन्होंने कहा कि मजहब के नाम पर लोगों का कत्ल करने वाले सबसे बड़े गुनहगार हैं। बेगुनाहों का कत्ल कर इंसानियत को खत्म करने की साजिश की गई है ऐसे आतंकियों को चुन-चुन कर मारने की जरूरत है। इन्हें जड़ से खत्म करने की जरूरत है इनके खात्मे का अब सही वक्त आ गया है। बता दें कि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं।
आंतकी हमले में 26 लोगों की मौत
गौरतलब है कि आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और 17 अन्य घायल हो गए।