
मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार के कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और राज्य की पुलिस कानून के अनुरूप उचित कार्रवाई कर रही है। उनकी यह टिप्पणी रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की आज सुबह हुई गिरफ्तारी के बाद आई है।
गोस्वामी को वर्ष 2018 में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
देशमुख ने कहा, ‘‘कानून से ऊपर कोई नहीं है और महाराष्ट्र पुलिस कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई कर रही है। अदालत ने इस मामले को दोबारा खोलने की अनुमति दी है।’’
मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को एक 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां लोअर परेल स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया।पुलिस ने बताया कि आत्महत्या के मामले में गोस्वामी को रायगढ़ जिले के अलीबाग ले जाया गया है।
इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिये जाने की घोषणा की थी।
देशमुख ने बताया था कि अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की। उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी।
वायरल हुए एक वीडियो में गोस्वामी के घर पहुंचे पुलिसकर्मी उनसे यह कहते हुए दिख रहे हैं कि वह उनके साथ शांति से चलें। इस बात पर दोनों के बीच मामूली हाथापाई होती दिख रही है।
वहीं पुलिस वैन से गोस्वामी ने दावा किया कि उनके और उनके बेटे के साथ बदसलूकी की गई और उन्हें उनके ससुरालवालों से भी मिलने नहीं दिया गया।
पुलिस ने बताया कि ‘कॉनकॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड’ के मालिक अन्वय नाइक ने ‘सुसाइड नोट’ में दावा किया था कि गोस्वामी, ‘आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया’ के फिरोज शेख और ‘स्मार्ट वर्क्स’ के नितीश सारदा के उसके बकाया पैसों का भुगतान ना करने की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ के अनुसार इन तीनों कम्पनियों ने नाइक को क्रमश: 83 लाख रुपये, चार करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये देने थे। पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ में जिन अन्य दो लोगों का जिक्र किया गया है, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बकाये का भुगतान ना करने के दावों पर ‘रिपब्लिक टीवी’ ने एक बयान में कहा कि ‘कॉनकॉर्ड’ को पूरे पैसे दे दिए गए हैं।
अर्नब की गिरफ्तारी पर मंत्रियों एवं भाजपा का आक्रोश चुनिंदा और शर्मनाक : कांग्रेस
कांग्रेस ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की सरकार एवं भाजपा नेताओं की ओर से निंदा किए जाने पर बुधवार को आरोप लगाया कि इनका आक्रोश चुनिंदा और शर्मनाक है।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि सरकार में बैठे लोगों का आक्रोश बहुत चुनिंदा है। जब उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में लोगों के नमक-रोटी खाने की खबर प्रकाशित करने पर एक पत्रकार को महीनों जेल में डाल दिया जाता है, जब पत्रकारों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है तो यह आक्रोश क्यों नहीं दिखता ? भाजपा इस देश में आखिरी पार्टी होनी चाहिए जो प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में बात कर सकती है। उसका रुख शर्मनाक है।’’
https://twitter.com/INCIndiaLive/status/1323862299241639937
सुप्रिया ने आरोप लगाया, ‘‘जिस पत्रकार की बात हो रही है उन्होंने पत्रकारिता का मखौल बनाया है। वह भाजपा के ‘मोर्चे’ की तरह काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस शासित राज्य में किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और कानून अपना काम करेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत केंद्र सरकार के कई मंत्रियों और भाजपा नेताओं गिरफ्तारी की निंदा की
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र में ‘‘प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है’’ और इससे ‘‘आपातकाल के दिनों’’ की याद आती है।
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की हम निंदा करते हैं। प्रेस के साथ पेश आने का यह तरीका नहीं है। इससे आपातकाल के दिनों की याद आती है, जब प्रेस के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाता था।’’
सोनिया गांधी और राहुल गाँधी के नेतृत्व में काम कर रही #कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मनस्तिथि में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।@republic
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 4, 2020
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘ स्वतंत्र प्रेस के पैरोकार लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं, तो वे रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं। आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?’’
विधि मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर तौर पर निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 में बेरहम आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।’’
The arrest of senior journalist #ArnabGoswami is seriously reprehensible, unwarranted and worrisome. We had fought for freedoms of Press as well while opposing the draconian Emergency of 1975.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 4, 2020
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश करने वालों का साथ दे रही कांग्रेस पार्टी की हर साज़िश का भंडाफोड़ करने की सजा अर्नब गोस्वामी को चुकानी पड़ रही है। टुकड़े-टुकड़े गैंग हो या पालघर के हत्यारे, इनको शरण देने वाले कौन है? इसका जवाब सोनिया जी और राहुल गांधी से देश मांग रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ और उसी कांग्रेस पार्टी की इशारों पर नाचने वाली कमजोर सरकार, महाराष्ट्र को आपातकाल की ओर ले जा रही है। प्रेस की आज़ादी की बात करने वाले अब कहां छिप कर बैठे है? आज सारे दोगले चेहरे उजागर हो रहे हैं।’’
अर्नब की गिरफ्तारी पर शाह ने कहा: आपातकाल की याद आई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को ‘‘सत्ता का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग’’ करार दिया और बुधवार को कहा कि ‘‘प्रेस की आजादी पर हमले का विरोध जरूर होना चाहिए।’’
Congress and its allies have shamed democracy once again.
Blatant misuse of state power against Republic TV & Arnab Goswami is an attack on individual freedom and the 4th pillar of democracy.
It reminds us of the Emergency. This attack on free press must be and WILL BE OPPOSED.
— Amit Shah (@AmitShah) November 4, 2020
शाह ने विपक्षी दलों पर यह कहते हुए निशाना साधा कि उन्होंने एक बार फिर लोकतंत्र को कलंकित किया है और आज की घटना ने उन्हें आपातकाल की याद दिला दी। शाह ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को कलंकित किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सत्ता का खुल्लमखुल्ला दुरुपयोग व्यक्तिगत आजादी और लोकतंत्र के खैथे खम्भे पर पर हमला है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह घटना आपातकाल की याद दिलाता है। प्रेस की आजादी पर इस हमले का विरोध जरूर होना चाहिए और विरोध किया जाएगा।’’
नड्डा ने अर्नब की गिरफ्तारी को सोनिया-राहुल निर्देशित ‘शर्मनाक कृत्य’ बताया
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए बुधवार को इसे कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी निर्देशित ‘‘शर्मनाक कृत्य’’ करार दिया।
नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति जो प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करता है वह महाराष्ट्र सरकार की दादागिरी और अर्नब गोस्वामी को प्रताड़ित करने से गुस्से में है। असहमत होने वालों की आवाज दबाने का यह सोनिया और राहुल गांधी निर्देशित कृत्य का एक और उदाहरण है। शर्मनाक!’’
India didn’t forgive Indira Gandhi for the Emergency. India never forgave Rajiv Gandhi for his assault on press freedom. And now, India will again punish Sonia-Rahul Gandhi for their brazen and intimidating use of state power to get equal with journalists.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 4, 2020
महाराष्ट्र में शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की गठबंधन सरकार है जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं।
नड्डा ने एक अन्य टवीट में कहा कि भारत ने आपातकाल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को माफ नहीं किया, प्रेस की आजादी पर हमले के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी कभी माफ नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘और अब पत्रकारों के खिलाफ राज्य की सत्ता का इस्तेमाल किए जाने के लिए भारत, सोनिया और राहुल गांधी को फिर दंडित करेगा।’’
एडिटर्स गिल्ड ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की, ठाकरे से निष्पक्ष बर्ताव की मांग
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बुधवार को रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की ‘अचानक’ गिरफ्तारी की निंदा की और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की कि गोस्वामी के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाए और मीडिया की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के खिलाफ सरकारी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
The Editors Guild of India has issued a statement on the arrest of Arnab Goswami, editor-in-chief of Republic TV. pic.twitter.com/gL3MstVlla
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) November 4, 2020
गिल्ड ने एक बयान में कहा कि गोस्वामी की गिरफ्तारी की खबर चौकाने वाली हैं। उसने कहा, ‘‘हम अचानक गिरफ्तारी की निंदा करते हैं और यह अत्यंत पीड़ादायी है।’’