
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक संगठन एएडीटीए का गठन किया है। शिक्षकों का यह संगठन आम आदमी पार्टी से जुड़ा है। राष्ट्रीय स्तर पर एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर एसोसिएशन को मिला कर एएडीटीए नाम से शिक्षक संगठन का गठन किया गया है। एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर एसोसिएशन की 8 सदस्यीय टीम के प्रभारी प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्रा होंगे। डीटीए और एएडी दिल्ली यूनिट को मिलाकर दिल्ली में कोर कमेटी गठित की गई है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स के चुनाव में भी भाग लेगी।
आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि उच्च शिक्षा संकट की स्थिति से गुजर रही है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम पर केंद्र सरकार की पॉलिसी निजीकरण का दस्तावेज है।
आदित्य नारायण मिश्रा दिल्ली युनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन के तीन बार अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही साथ आदित्य नारायण मिश्रा को दो बार 2007 से 2011 तक फेडरेशन पार्थ सेंटर यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन से राष्ट्रीय स्तर पर दो बार देश के टीचरों का नेतृत्व करने का अवसर मिला है। वह पिछले दिनों पूरी टीम के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंदर पहले से आम आदमी पार्टी का शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर एसोसिएशन (डीटीए) के रूप में काम कर रहा था। संयुक्त रुप से नया संगठन पूरे देश भर में काम करेगा। पूरे देश में इस संगठन के निर्माण के लिए 8 सदस्यीय की टीम का गठन किया गया है। इस 8 सदस्यीय टीम में डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा, प्रो. नरेंद्र कुमार पांडे, प्रो. डॉक्टर संगीता राय, प्रो. प्रेमचंद, प्रो राजेश, प्रो. तबरेज आलम खान, प्रो. टीएन ओझा और प्रो. मनोज सिंह सहित 8 सदस्यीय टीम होगी। इनके अनुभव के आधार पर देश के अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में संगठन के निर्माण के काम के लिए यह नेशनल टीम बनाई गई है।
इसके साथ साथ दिल्ली के अंदर भी संगठन की गतिविधियां अब इसी बैनर के तले की जाएंगी। अभी डीटीए की टीम और एएडी दिल्ली की जो यूनिट्स है उनसे मिला करके दिल्ली में इसके लिए दिल्ली टीचर्स की एक कोर कमेटी गठित की जा रही है। यह कोर कमेटी आगामी दिनों में दिल्ली विश्वविद्यालय के टीचर्स के चुनाव होंगे, उसमें भी वह भाग लेगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कैसे परिवर्तन हो सकते हैं और नई शिक्षा नीति आने के बाद नए तरह के कई तरह के प्रश्न पैदा हुए हैं, इन सारे सवालों को लेकर के ये दिल्ली टीचर्स की कोर कमेटी काम करेगी। आगामी दो-तीन महीने प्रदेश भर में दौरे का काम यह टीम करेगी। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मेलन पार्टी की तरफ से आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि उच्च शिक्षा संकट की स्थिति से गुजर रही है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा जो पॉलिसी अनफोल्ड की गई है, वो प्राइवेटाइजेशन का एक दस्तावेज है। सरकार का फंडिंग घटता गया है। कुछ साल पहले जो 4.7 परसेंट था। आज घटकर के 2.50 प्रतिशत पर आ गया है और उसमें भी हेफा का लोन सम्मिलित है। लोन अनुदान नहीं होता है। रिसर्च की बात करें तो जहां 2015-16 में यूजीसी रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 107 करोड़ के लिए मिलता था, अब घटकर मात्र 3 करोड़ में सिमट गया है।