
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद चार किसान समेत कुल आठ लोगों की जान जाने की खबर पूरे देश मेंं चर्चा का विषय बना हुआ हैॆ। आइए जानते पुरा मामला आखिर क्या है और इसकी शुरुआत सबसे पहले कहां से हुई। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का तीन अक्टूबर को पहले से तय लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे। कार्यक्रम के मुताबिक लखीमपुर के वंदन गार्डन में उन्हें सरकारी योजनाओं का शिलान्यास करना था।
इस कार्यक्रम के लिए पहले वो हवाईरुट से आने वाले थे, लेकिन शनिवार सुबह प्रोटोकॉल बदला और वो सड़क से लखीमपुर पहुंचे। इस कार्यक्रम में केशव प्रसाद मौर्य के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी भी शिरकत कर रहे थें। इसकी जानकारी मिलते ही संयुक्त किसान मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के विरोध और काफिले के घेराव की तैयारी शुरु कर दी थी।
जिसमें लखीमपुर और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके के दूसरे ज़िलों से किसानों को शामिल होने आह्वान किया गया था। लगभग एक से डेढ़ बजे के बीच में केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्र लखीमपुर ज़िला मुख्यालय से योजनाओं का शिलान्यास कार्यक्रम ख़त्म करके नेपाल बॉर्डर पर अजय मिश्र टेनी के गाँव बनवीरपुर के लिए रवाना हुए जो तिकुनिया से लगभद 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
तिकुनिया के एक प्राइमरी स्कूल में 2 अक्टूबर को दंगल का आयोजन हुआ था। इस आयोजन के विजेताओं का पुरस्कार समारोह 3 अक्टूबर को किया गया था। जिसमें अजय मिश्र को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के सम्मान में इस बार का कार्यक्रम ज़्यादा बड़ा और भव्य था। इसीलिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उसके मुख्य अतिथि थे। लेकिन स्थानीय किसानों ने मंत्री अजय मिश्र टेनी का विरोध करने की ठान रखी थी।
इसकी तैयारी में किसान रविवार सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में तिकुनिया के महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज पहुँच गए और स्कूल में बने हेलीपैड को घेर लिया। बाद में किसानों को खबर मिली की मंत्री सड़क के रास्ते गाँव पहुँच रहे हैं तो किसान तिकुनिया से बनवीरपुर की सरहद पर गाड़ियों से रास्ता रोक कर बैठ गए।
उसके बाद लगभग डेढ़ से ढाई बजे के बीच में तीन गाड़ियों का एक छोटे से काफिले के साथ में केंन्द्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र केशव प्रसाद मौर्य को रिसिव करने जा रहे थे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का आरोप है कि इन्हीं मंत्री के बेटे ने किसानों को तेज़ी से भीड़ पर चला कर रोंधना शुरू कर दिया।
जिसमें चार किसान कुचल कर मर गए और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए। हालांकि अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने इन आरोपों से साफ़ इंकार किया है। उनका कहना है कि अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वो सबूत पेश करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक इस घटना में चार किसानों समेत आठ की मौत हुई है, सरकार का कहना है कि इस पुरे मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटार्रड जज के निगरानी में की जायेगी और जो भी दोषी होगे उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
वहीं इस पुरे मामले में सरकार की तरफ से मृतक किसानों के आश्रितों को नौकरी, 8 दिन में आरोपियों की गिरफ़्तारी, मृतक के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का एलान भी सरकार की तरफ से किया गया हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस घटना के बाद सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई ये घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसमें जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनपद लखीमपुर खीरी में घटित हुई घटना अत्यंत दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। @UPGovt इस घटना के कारणों की तह में जाएगी तथा घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 3, 2021
मौके पर शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव नियुक्ति, कार्मिक एवं कृषि, ए.डी.जी. कानून-व्यवस्था, आयुक्त लखनऊ तथा आई.जी. लखनऊ मौजूद हैं तथा स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए घटना के कारणों की गहराई से जांच कर रहे हैं। घटना में लिप्त जो भी जिम्मेदार होगा, सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 3, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत की मांग
किसान नेता राकेश टिकैत भी तीन-चार अक्टूबर की दरमियानी रात लखीमपुर खीरी पहुंचे। उन्होंने सरकार से इस घटना में मारे गए किसानों के परिजन को अनुग्रह राशि के तौर पर एक-एक करोड़ रुपये तथा आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की।
राकेश टिकैत ने कहा कि ये मांगे पूरी होने के बाद ही मृत किसानों का दाह संस्कार किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को गोली भी मारी है। उन्होंने कहा कि हर जिले की तहसील और मुख्यालयों में किसान प्रदर्शन के लिए तैयार हैं, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इस पूरी घटना को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है
वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सोमवार की सुबह लखीमपुर खीरी जाने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद अखिलेश सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश ने कहा कि ये सरकार किसानों पर जैसा जुल्म कर रही है, वैसा जुल्म तो अंग्रेज भी नहीं करते थे। उन्हों केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की मांग की है।
कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है।
उप्र दंभी भाजपाइयों का ज़ुल्म अब और नहीं सहेगा।
यही हाल रहा तो उप्र में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे। pic.twitter.com/huX8ZUQO08
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 3, 2021
देर रात ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पहुंचीं और यहां से लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। प्रियंका सोमवार तड़के लखीमपुर पहुंच भी गई थीं, लेकिन उन्हें हरगांव के पास हिरासत में ले लिया गया। उन्हें सीतापुर गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। जहां पर गेस्ट के अंदर में झाड़ू लगाती नजर आ रहीं हैं।
भाजपा सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है, किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। pic.twitter.com/51R5Kmt41B
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 4, 2021