
नई दिल्ली। नए कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच चौथे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। सरकार ने कानून में संशोधन का आश्वासन भी दिया लेकिन किसान कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। अब शनिवार को पांचवे दौर की वार्ता होगी और संभावना जताई जा रही है इस वार्ता से कुछ हल निकल सकता है।
उधर, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों का धरना-प्रदर्शन 8वें दिन में प्रवेश कर गया है। दिल्ली कूच करने जा रहे मध्य प्रदेश के किसानों ने शुक्रवार सुबह से एनएच-19 पर डेरा डाल दिया है। पलवल पुलिस ने केएमपी एक्सप्रेस से पहले किसानों को रोक लिया है। ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार सैकड़ों किसान हाइवे पर जमा हैं। वहीं, वाटर कैनन के साथ बैरिकेडिंग कर पुलिस भी मौके पर मौजूद है।
बृहस्पतिवार शाम से ही एनएच -19 पर किसान ठहरे हुए हैं। इस बीच सिंघु बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर पहले पुलिस ने भारी संख्या में बैरिकेड लगा दिए हैं। ट्रकों में भर-भरकर बैरिकेड लाए जा रहे हैं।
अभी दोनों ओर एक लाइन से ही यातायात का आवागमन हो रहा है। दिल्ली-फरीदाबाद बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ से पुलिस ने बैरिकेडिंग और कंटीले तार भी लगाए हैं। पलवल की तरफ से सैकड़ों किसानों के आने की सूचना पर पुलिस हाई अलर्ट पर है।
दिल्ली-हरियाणा और यूपी के तकरीबन दर्जन भर बॉर्डर सील हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को 8वें दिन लगातार दिल्ली-एनसीआर के वाहन चालकों को दिक्कत आ रही है।
दिल्ली-एनसीआर में आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग हैं, लेकिन यहां पर लगने वाला जाम लोगों को समस्या भी बढ़ा रहा है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर जमा किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने हमारा पक्ष सुनने में 7 महीने लगा दिए।