एआई : एक रक्त परीक्षण से कई बीमारियों का निदान


जब किसी व्यक्ति को कोई संक्रमण या आत्म-प्रतिरक्षा रोग होता है तो ‘बी’ और ‘टी’ कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और वे अपनी सतह पर विशेष ग्राही बनाती हैं, जो संक्रमण की पहचान और प्रतिक्रिया में मदद करते हैं।


नागरिक न्यूज नागरिक न्यूज
देश Updated On :

कल्पना कीजिए कि़ सिर्फ एक रक्त परीक्षण से कोविड-19, एचआईवी, मधुमेह और आत्म-प्रतिरक्षा सम्बंधी बीमारियों की जांच हो जाती है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल विकसित किया है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया का विश्लेषण कर एक साथ कई बीमारियों का पता लगा सकता है।

साइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में लगभग 600 लोगों पर इस एआई टूल का परीक्षण किया गया। पता चला कि यह टूल सटीक रूप से पहचान सकता है कि व्यक्ति स्वस्थ है, वायरल संक्रमण से जूझ रहा है या आत्म-प्रतिरक्षा रोग से ग्रसित है। इतना ही नहीं, इससे यह भी पता चल सकता है कि व्यक्ति ने हाल ही में फ्लू का टीका लिया है या नहीं, जो इसकी अतीत और वर्तमान प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को समझने की क्षमता को दर्शाता है।

वास्तव में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली एक मेमोरी बैंक की तरह काम करती है जो हर संक्रमण, टीकाकरण और बीमारी का रिकॉर्ड रखती है। इसमें दो मुख्य घटक होते हैं: ‘बी’ कोशिकाएं जो हानिकारक वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाती हैं और ‘टी’ कोशिकाएं जो संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करती हैं या अन्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को सक्रिय करती हैं।

जब किसी व्यक्ति को कोई संक्रमण या आत्म-प्रतिरक्षा रोग होता है तो ‘बी’ और ‘टी’ कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और वे अपनी सतह पर विशेष ग्राही बनाती हैं, जो संक्रमण की पहचान और प्रतिक्रिया में मदद करते हैं।

वैज्ञानिकों ने इन ग्राहियों को बनाने वाले जीन्स का अनुक्रमण किया ताकि बीमारियों का एक विस्तृत रिकॉर्ड तैयार किया जा सके। इसके बाद, एआई टूल ने इन जीन अनुक्रमों का विश्लेषण करने के लिए छह मशीन-लर्निंग मॉडल का उपयोग किया और अलग-अलग बीमारियों से जुड़े पैटर्न की पहचान की।

वर्तमान में, आत्म-प्रतिरक्षा बीमारियों या वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए कई परीक्षण और विशेषज्ञ परामर्श की ज़रूरत होती है, जिससे निदान में देरी हो सकती है। लेकिन यह एआई टूल केवल एक रक्त परीक्षण से सटीक परिणाम दे सकता है। इसके अलावा कुछ बीमारियों के लिए कोई पक्के नैदानिक परीक्षण नहीं होते, जिससे उन्हें शुरुआती चरण में पहचानना कठिन होता है।

यह एआई टूल प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधियों को पढ़कर उन छिपी हुई बीमारियों को भी पकड़ सकता है, जिन्हें पारंपरिक जांचें नहीं ढूंढ पातीं। इसके साथ ही, यदि डॉक्टर किसी व्यक्ति के प्रतिरक्षा इतिहास को समझ पाएं, तो वे व्यक्तिगत उपचार योजनाएं बना सकते हैं और गंभीर लक्षण प्रकट होने से पहले ही बीमारी पकड़ सकते हैं।

यह टूल बहुत सशक्त है क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली अपने आप में एक नैसर्गिक निदान है — यदि हम इसे पूरी तरह समझ लें तो यह बहुत मददगार होगी। लेकिन अभी इस टूल को विविध और बड़े पैमाने पर परखने की ज़रूरत है ताकि यह सटीक और बेहतर हो सके।



Related