AIMIM सांसद ने महाराष्ट्र में शिवसेना नीत MVA के साथ गठबंधन का दिया सुझाव


एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने शनिवार को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन का सुझाव दिया…


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औरंगाबाद। एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने शनिवार को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ गठबंधन का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन तीन पहियों वाले एक ऑटो-रिक्शा से ‘आरामदायक कार’ में बदल सकता है, जो भाजपा को सत्ता में आने से रोकने में सक्षम होगा।

हालांकि, शिवसेना ने जलील का प्रस्ताव ठुकरा दिया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तंज कसा कि एआईएमआईएम और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के बीच ऐसे गठबंधन की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

शिवसेना नेता एवं विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने कहा कि उस पार्टी के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता है, जो ‘वंदे मातरम’ का विरोध करती है और ‘रजाकार’ की विचारधारा पर चलती है।

‘रजाकार’ 1947-48 में हैदराबाद में मुस्लिम शासन बनाए रखने और भारत में उसके विलय का विरोध करने के लिए तैनात अर्धसैनिक स्वयंसेवी बल था।

नागपुर में संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एआईएमआईएम का कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाना भाजपा के लिए कोई मायने नहीं रखता है।

एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जलील ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम भाजपा की ‘बी’ टीम नहीं है, जैसे कि मुख्यधारा की पार्टियां आरोप लगाती हैं।

उन्होंने कहा था कि राकांपा नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राजेश टोपे जब शुक्रवार को उनके घर पहुंचे थे, तब उन्होंने उन्हें कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन करने की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की इच्छा से अवगत कराया था।

औरंगाबाद से सांसद जलील ने शनिवार को एक मराठी समाचार चैनल से कहा कि एमवीए में एक और पहिया जोड़कर उसे तीन पहिया ऑटो-रिक्शा से चार पहिया ‘आरामदायक कार’ में बदला जा सकता है।

उन्होंने कहा, “शिवसेना में भाजपा को अकेले दम पर हराने की ताकत नहीं बची है। इसलिए उसे कांग्रेस और राकांपा के सहयोग की जरूरत है। मैं एमवीए रूपी ऑटो-रिक्शा को आरामदायक कार में बदलने के लिए उसमें एक और पहिया जोड़ने का प्रस्ताव देता हूं।”

जलील ने कहा, “हमने उस पार्षद को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जिसने औरंगाबाद नगर निगम में ‘वंदे मातरम’ को गाये जाने का विरोध किया था और अब वह राकांपा में शामिल हो गया है।”

इस बीच, शिवसेना नेता दानवे ने आरोप लगाया कि एआईएमआईएम हमेशा से ही ‘वंदे मातरम’ का विरोध करती आई है और उसने यहां भगवा झंडा हटाकर हरा झंडा फहराया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “एआईएमआईएम एक ऐसी पार्टी है, जो ‘रजाकार’ की विचारधारा पर चलती है। उससे हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता है।”

जलील ने शुक्रवार को कहा था, “उनकी मां के निधन के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को टोपे उनसे मिलने उनके घर आए थे। अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि भाजपा, एआईएमआईएम की वजह से जीतती है, क्योंकि मुस्लिम मतों का विभाजन हो जाता है।”

उन्होंने कहा था, “इस आरोप को गलत साबित करने के लिए मैंने टोपे को गठबंधन के लिए तैयार होने की जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने मेरे प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं कहा।”

एआईएमआईएम के प्रस्ताव को लेकर शिवसेना के संभावित रुख पर जलील ने कोई भी स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया था।

शनिवार को दानवे के आरोपों का जवाब देते हुए जलील ने कहा, “न तो मैं, न ही वह ‘रजाकार’ के दौर में पैदा हुए थे। शिवसेना सांसद संजय राउत कहते हैं कि हम मुगल बादशाह औरंगजेब की मजार के सामने सिर झुकाते हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि हम एक नए दौर में जी रहे हैं और औरंगजेब इतिहास का हिस्सा है।”

एआईएमआईएम सांसद ने कहा, “कोई भी मुसलमान किसी कब्र के सामने सिर नहीं झुकाता। औरंगजेब आपको स्वीकार्य हो या न हो, लेकिन हकीकत यह है कि उन्होंने देश पर शासन किया था। जब मैंने एक विशिष्ट सवाल पूछा तो वे औरंगजेब और ‘रजाकार’ पर आ गए।”

दानवे ने जलील के प्रस्ताव पर तंज कसते हुए यह भी कहा था कि शिवसेना आम लोगों के साथ है और ऑटो-रिक्शा आम लोगों को आरामदायक सवारी देते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन का उनका प्रस्ताव औरंगाबाद नगर निगम तक सीमित है, जलील ने कहा था कि एआईएमआईएम का भावी कदम कांग्रेस और राकांपा से मिली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा था, “नहीं तो हम अकेले जा सकते हैं। हम उन्हें गठबंधन का मौका दे रहे हैं, क्योंकि वे हमें भाजपा की ‘बी’ टीम कहते हैं।”