नई दिल्ली। एनसीपी (NCP) की अंदरुनी लड़ाई निर्वाचन आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से अधिक हलफनामे दाखिल किए हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) के गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) को बताया कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है।
अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को एक हलफनामे 1के जरिए से सूचित किया गया है कि उन्हें 30 जून 2023 को एनसीपी के सदस्यों, विधायी और संगठनात्मक, दोनों इकाइयों के ‘भारी बहुमत’ द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से एनसीपी प्रमुख चुना गया। बयान में कहा गया है कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे।एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी फैसला किया है और इस फैसले को एनसीपी विधायकों का समर्थन मिला है।
बयान में कहा गया, ‘‘एनसीपी के भीतर कुछ तत्वों द्वारा पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पार्टी के विभिन्न संगठनात्मक पदों पर काम करने वालों के बीच भय और भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।” इसमें कहा गया है, ‘‘एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जयंत पाटिल की पहले की नियुक्ति स्पष्ट रूप से अवैध थी क्योंकि यह एनसीपी के संविधान द्वारा अनिवार्य किसी भी प्रक्रिया का पालन किए बिना की गई थी।एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में प्रफुल्ल पटेल ने पाटिल को पद से हटा दिया है और सुनील तटकरे को प्रदेश एनसीपी अध्यक्ष नियुक्त किया है।”
उधर, निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार खेमे ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि इस लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए।निर्वाचन आयोग कुछ दिनों में याचिकाओं पर कार्रवाई कर सकता है और दोनों पक्षों से उसके समक्ष पेश संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए कह सकता है।