
पीएम मोदी की दो दिवसीय यूएस यात्रा कल यानी शुक्रवार को ही संपन्न हुई है। एक ओर जहां पीएम मोदी अमेरिका से वापस भारत लौटने की तैयारी कर रहे थे, ठीक उसी वक्त ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवासी भारतीयों की दूसरी खेप को डिपोर्ट करने की तैयारी में लगा था। यह खेप आज रात भारत पहुंचने वाली है।
अमृतसर एयरपोर्ट पर रात 10 से 11 के बीच यह विमान लैंड करेगा। सूत्रों के मुताबिक, इस बार विमान में 119 लोगों को लाया जा रहा है, जिसमें आधे से ज्यादा पंजाब के हैं। इस फ्लाइट में पंजाब से 67, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश से 3, गोवा और महाराष्ट्र से 2-2 और राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के एक-एक लोग हैं।
अमेरिका से ऐसे अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा था। तब 104 लोगों को अमेरिकी सैन्य विमान में हथकड़ी और बेड़ियों से जकड़कर लाया गया था। इस पर सड़कों से लेकर संसद तक हंगामा भी मचा था। भारतीयों के प्रति इस तरह के अमानवीय व्यवहार की निंदा हुई थी।विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की कूटनीति तक पर सवाल खड़े किए थे। विपक्षी दलों का कहना था कि अवैध प्रवासियों का डिपोर्टेशन पहले भी होता आया है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इन्हें सैन्य विमान में अमानवीय परिस्थितियों में भेजा जाए। विपक्षी नेताओं की मांग थी कि मोदी सरकार को इस मामले में अमेरिका से बात करनी चाहिए।
डिपोर्टेशन पर संसद में मचे हल्ले के बाद भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले में बात की है। पीएम मोदी के यूएस दौरे पर भी इस मुद्दे को उठाया गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पिछले दो दिन पीएम मोदी की मेजबानी में गर्मजोशी से भिड़ा ट्रंप प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है? वैसे, उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी की ट्रंप से मुलाकात का असर इस डिपोर्टेशन पर दिख सकता है।यानी अवैध प्रवासी भारतीयों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां नहीं लगनी चाहिए। हालांकि अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन लोगों को इस बार रेगुलर फ्लाइट से लाया जा रहा है या पिछली बार की ही तरह सैन्य विमान से छोड़ा जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपना दूसरा कार्यकाल संभालते ही सबसे पहले जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे, उनमें अवैध प्रवासियों की अमेरिका से बाहर करने के आदेश शामिल थे। अपने पूरे चुनावी अभियान में उन्होंने अवैध प्रवासियों का मुद्दा उठाया था।ट्रंप प्रशासन बड़े पैमाने पर अमेरिका में रह रहे ऐसे लोगों को सैन्य विमान में भर-भर कर बाहर छोड़ रहा है।