केंद्र और दिल्ली सरकार में फिर बढ़ सकती है अधिकारों की जंग, अरविंद केजरीवाल ने किया ट्वीट


आम आदमी पार्टी के दिल्ली की सत्ता में आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल से लगायत आप पार्टी के नेता गाहे-बगाहे केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर आरोप लगाते रहे हैं।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
देश Updated On :

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता और अधिकारों को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार में तनातनी और आरोप-प्रत्यारोप किसी से छिपा नहीं है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली की सत्ता में आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल से लगायत आप पार्टी के नेता गाहे-बगाहे केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के बाद से दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों की जंग कुछ हद तक थम गई थी।

अब केंद्र सरकार के नए विधेयक को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच खींचतान और बढ़ सकती है। ऐसे में दिल्ली में एक बार फिर राजनीतिक घमासान देखने को मिल सकता है। दिल्ली सरकार का अपना सबसे बड़ा दर्द ये है की इसके पास अधिकारियों के तबादले का अधिकार नहीं है तो दूसरी तरफ केंद्र शासित प्रदेश होने की वजह से दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई बार इसको लेकर केंद्र पर निशाना साध चुके हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि दिल्ली के लिए, “सरकार” का मतलब एलजी होगा। फिर निर्वाचित सरकार क्या करेगी? सभी फाइलें एलजी के पास जाएंगी। यह 4.7.18 संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि फाइलें एलजी को नहीं भेजी जाएंगी, निर्वाचित सरकार सभी फैसले लेगी और फैसले की प्रति एलजी को भेजेगी।

यही नहीं अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के उस ट्वीट को रिट्वीट किया जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने लिखा है कि बीजेपी आज संसद में नया क़ानून लेकर आई है। दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे, मुख्यमंत्री, मंत्री को अपनी हर फ़ाईल LG के पास भेजनी होगी। चुनाव के पहले बीजेपी का घोषणापत्र कहता है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाएँगे, चुनाव जीतकर कहते हैं दिल्ली में LG ही सरकार होंगे।

सोमवार को ही लोकसभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक-2021 पेश किया है। इस विधेयक में दिल्ली के उपराज्यपाल का रोल और कुछ अधिकारों को नए सिरे से परिभाषित किया गया है। वहीं, माना जा रहा है कि इसके बाद उपराज्यपाल के अधिकारों में इजाफा होगा और फिर ऐसे में केंद्र सरकार और दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार में टकराव तय है।



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