दुनिया की कई क्रांतियों का हथियार बना गीत ‘बेला चाओ’ अब किसानों के लिए पंजाबी में


यह गीत 19वीं सदी के अंत में तब अस्तित्व में आया था जब उत्तरी इटली में महिला किसानों ने कामकाज की खराब स्थितियों के विरोध में इसे अपना हथियार बनाया था।


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नई दिल्ली। दुनियाभर में विरोध करने के लिए पहचाने जाने वाले गीत ‘बेला चाओ’ को 27 वर्षीय पूजन साहिल ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पंजाबी भाषा में जारी किया है।

‘यूट्यूब’ पर जारी किए गए इस गीत के वीडियो को एक सप्ताह से कम समय में 2.7 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं और कई सोशल मीडिया मंचों पर भी यह वायरल हो गया है।

दिल्ली के एक स्कूल में गणित पढ़ाने वाले साहिल ने कहा कि ‘‘भय, दुर्व्यवहार और निराशा’’ सामाजिक रूप से जागरूक किसी संगीतकार के लिए सही नहीं हैं। अगर उनके शब्द पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों को ताकत दें तो इससे सुकूल मिलता है।

साहिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने अपने गीत के लिए कुछ मापदंड तय किए थे। जैसे ही मुझे यूट्यूब पर ‘कमेंट’ में गालियां पड़ने लगीं तो मुझे समझ आ गया कि यह थोड़ा मशहूर हो गया है…।’’

‘बेला चाओ’ गीत को संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंदी भाषा में भी जारी किया गया था।

यह गीत 19वीं सदी के अंत में तब अस्तित्व में आया था जब उत्तरी इटली में महिला किसानों ने कामकाज की खराब स्थितियों के विरोध में इसे अपना हथियार बनाया था।