हम भारत की बेटी हैं… राजपथ से गुजरते हुए कर्तव्यनिष्ठा का वचन दे गई पहली महिला फाइटर पायलट भावना कंठ


इंडियन एयर फोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट भावना कंठ ने 26 जनवरी को जमीन पर रहते हुए आसमान छू लिया। यह पहला मौका था जब किसी महिला फाइटर पायलट को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया।


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नई दिल्ली। इंडियन एयर फोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट भावना कंठ ने 26 जनवरी को जमीन पर रहते हुए आसमान छू लिया। यह पहला मौका था जब किसी महिला फाइटर पायलट को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया। वायुसेना की झांकी पर हलके लड़ाकू विमान, हलके लड़ाकू हेलीकॉप्टर और सुखोई-30 लड़ाकू विमान की प्रतिकृतियों के सामने खड़ी देश की यह बेटी राजपथ से गुजरते हुए हर भारतवासी को प्राण देकर भी अपना कर्तव्य निभाने का वचन दे गई।

भावना कंठ को जून 2016 में अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ भारतीय वायुसेना में पहली महिला फाइटर पायलट के तौर पर शामिल किया गया था। उन्हें तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने औपचारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया था। वायुसेना ने महिलाओं को फाइटर पायलट के तौर पर लड़ाकू विमान उड़ाने की जिम्मेदारी सौंपने के संबंध में 2015 में एक ऐतिहासिक फैसला किया था।

बिहार के दरभंगा में एक दिसंबर 1992 को नारायण कंठ और राधा कंठ के यहां जन्मी भावना को बचपन से ही खो-खो, बैडमिंटन, तैराकी और पेंटिंग का शौक रहा। उन्होंने बरौनी रिफाइनरी में डीएवी पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और 2014 में बेंगलुरू के बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से आगे की पढ़ाई करने के बाद टाटा कंसलटेंसी सर्विसिज में नौकरी करने लगीं।

शिक्षा और नौकरी के बाद एक लिहाज से भावना अपने जीवन में व्यवस्थित हो चुकी थीं, लेकिन उनके भाग्य में शायद आसमान की ऊंचाइयां छूना लिखा था। वह आसमान में उड़ते विमानों को सिर उठाकर देखने वालों में नहीं थीं, बल्कि इंसान के बनाए इन मशीनी परिंदों को खुद उड़ाना चाहती थीं। लिहाजा उन्होंने वायुसेना में जाने का फैसला किया और प्रवेश परीक्षा के बाद उन्हें पहले चरण के प्रशिक्षण के लिए चुन लिया गया। इस दौरान उन्हें फाइटर पायलट बनने का विकल्प चुनने का मौका मिला।

जून 2016 में भावना फाइटर पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं और उन्हें हैदराबाद के हाकिमपेट एयरफोर्स स्टेशन में छह माह का प्रशिक्षण दिया गया। इसके तुरंत बाद उन्हें डिंडिगुल स्थित वायुसेना अकादमी में दूसरे दौर के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया और इस तरह धीरे-धीरे उनके सपनों के पंख खुलने लगे।

16 मार्च 2018 को उन्होंने मिग-21 बाइसन विमान अकेले उड़ाया। मई 2019 में भावना को लड़ाकू अभियानों में भाग लेने के लिए चुना गया तथा इस तरह उन्होंने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली। भावना इस समय राजस्थान एयरबेस में तैनात हैं, जहां वह मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान उड़ाती हैं। उन्हें पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया गया। हौसले के साथ मंजिल की तरफ बढ़ते कदम अभी मील के कई और पत्थर पार करेंगे।